उत्तराखंड में 1 नवम्बर से खुलेंगे स्कूल, CORONA के बढ़ते मामलों को लेकर अभिभावक चिंतित

Edited By Nitika,Updated: 18 Oct, 2020 01:14 PM

schools will open in uttarakhand from november 1

उत्तराखंड में 7 महीनों से अधिक के अंतराल के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल एक नवम्बर को फिर से खुलने के लिए तैयार हैं। हालांकि ज्यादातर अभिभावक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि राज्य में अभी भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

 

देहरादूनः उत्तराखंड में 7 महीनों से अधिक के अंतराल के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल एक नवम्बर को फिर से खुलने के लिए तैयार हैं। हालांकि ज्यादातर अभिभावक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि राज्य में अभी भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि वे कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए कक्षाओं को फिर से शुरू करने के लिए वह तैयार हैं। इस प्रोटोकॉल में सामाजिक दूरी के लिए कक्षाओं में प्रतिदिन 50 प्रतिशत उपस्थिति को सीमित करना शामिल हैं। हालांकि, एहतियाती कदम उठाए जाने के बावजूद कोई छात्र संक्रमित हो जाता है, तो वे इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं। दून इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन डीएस मान ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाये, हालांकि मैं यह कहना चाहूंगा कि यदि कोई छात्र इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो स्कूलों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।

नेहरू कॉलोनी की रहने वाली आशा रावत ने कहा कि बच्चों ने ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने में सत्र का आधा समय बिता दिया है। शेष सत्र के लिए भी उन्हें इस तरह से अपनी पढ़ाई जारी रखने देने में कोई हर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी बारहवीं कक्षा में पढ़ती है और साइकिल पर स्कूल जाती थी। यह बेहतर है कि वह घर से बाहर निकलने और जोखिम उठाने के बजाय घर पर रहकर ही पढ़ाई करती रहे। कुछ अभिभावकों का मानना है कि बच्चों को जरूरी होने पर केवल प्रायोगिक कक्षाओं के लिए ही बुलाया जाना चाहिए और कोरोना का टीका आने तक नियमित कक्षाओं के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए।

वहीं उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल अधिकारियों द्वारा सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे, जिनमें स्कूल बसों को कीटाणु मुक्त करना, केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाना, परिसरों का नियमित रूप से सैनिटाइजेशन, कक्षाओं में कुल क्षमता की केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति आदि शामिल हैं। यह पूछे जाने पर कि सावधानियों के बावजूद भी यदि कोई संक्रमित हो जाता है, कौशिक ने कहा कि किसी को भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। हाल में इस वायरस से संक्रमित हुए मंत्री ने कहा कि मैं कोरोना से संक्रमित पाया गया था। क्या मैंने किसी को दोषी ठहराया है?
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!