Edited By Ramkesh,Updated: 08 Aug, 2024 10:58 AM
लोकसभा में गुरुवार को पुराने वक्फ (Waqf) कानूनों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) पेश किया जाएगा। इसे लेकर पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नए बिल का विरोध कर सकती है। इंडी गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दल इस...
लखनऊ: लोकसभा में गुरुवार को पुराने वक्फ (Waqf) कानूनों में बदलाव के लिए वक्फ संशोधन बिल 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) पेश किया जाएगा। इसे लेकर पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नए बिल का विरोध कर सकती है। इंडी गठबंधन में शामिल सभी राजनीतिक दल इस बिल का विरोध कर सकते है। वहीं अखिलेश यादव ने सरकार पर इसे लेकर हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि ‘वक़्फ़ बोर्ड’ का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है। रक्षा, रेल, नजूल लैंड की तरह जमीन बेचना निशाना है। वक्फ बोर्ड की ज़मीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती : ‘भाजपाई-हित में जारी’ इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की ज़मीनें बेची नहीं जाएंगी। भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘ज़मीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए।
बताया जा रहा है कि इस संशोधन का सीधा असर उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में होगा, जहां वक्फ बोर्ड काफी सक्रिय है और उसके पास जमीन भी बहुत है। 2013 में यूपीए सरकार ने मूल अधिनियम में संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को और अधिक शक्तियां दी थीं। वक्फ बोर्ड के पास करीब 8.7 लाख संपत्तियां हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल करीब 9.4 लाख एकड़ है। वक्फ अधिनियम, 1995 को वक्फ की ओर से 'औकाफ' (वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्ति) को विनियमित करने के लिए अधिनियमित किया गया था। वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून के जरिये पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त किसी भी उद्देश्य के लिए संपत्ति समर्पित करता है।