Edited By Ramkesh,Updated: 15 Jun, 2025 06:18 PM

उत्तर प्रदेश में वार्षिक वन्यजीव गणना पूरी कर ली गयी है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट जारी की जाएगी। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। बयान में कहा गया कि प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव विहारों और इनके बफर क्षेत्रों में वार्षिक...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वार्षिक वन्यजीव गणना पूरी कर ली गयी है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट जारी की जाएगी। रविवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी। बयान में कहा गया कि प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव विहारों और इनके बफर क्षेत्रों में वार्षिक वन्य जीव गणना पूरी हो गई है और इस गणना का परिणाम इस माह के अंत तक जारी किया जाएगा।
14 जून को सम्पन्न हुई वन्यजीवों की गणना
ये वन्यजीव गणना 26 मई को शुरू हुई थी तथा 14 जून को सम्पन्न हुई। इसके मुताबिक, इस वर्ष खासतौर पर बारहसिंघा, काला हिरन, चिंकारा, गैण्डा, घड़ियाल के साथ भालू और तेंदुए की भी गणना की गई है। इसके साथ ही अन्य शाकाहारी जीवों हिरन, सांभर, चीतल,नीलगाय, पाड़ा, बंदर और लंगूर की भी गणना कराई गई है। प्रदेश में वन्यजीव गणना का कार्य मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देशन में सभी मण्डल के मुख्य संरक्षकों की निगरानी में कराया गया है।
वन्य जीव विभाग प्रतिवर्ष करवाता है वन्यजीव गणना
उत्तर प्रदेश वन एवं वन्य जीव विभाग प्रतिवर्ष प्रदेश के सभी राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जीव विहारों और इनके बफर क्षेत्रों में वन्यजीवों की गणना करवाता है। वन्यजीव गणना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में वन्यजीवों की संख्या और स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी प्राप्त करना है, जिसके आधार पर आगामी वर्षों में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए व्यापक योजनाओं का निर्माण किया जाता है। बयान के अनुसार, प्रदेश व्यापी गणना का कार्य 26 मई, दो जून और नौ जून को तीन बार कराया गया है तथा वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर वन्यजीवों की वास्तविक संख्या जारी की जाएगी।