बड़ी लापरवाही! प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा ने तोड़ा दम... डॉक्टर गिरफ्तार, अस्पताल किया गया सील

Edited By Anil Kapoor,Updated: 15 Jun, 2025 01:32 PM

kushinagar news mother and child died due to negligence of private hospital

Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में खड्डा स्थित एक निजी अस्पताल में कथित तौर पर चिकित्सक की लापरवाही से प्रसव के दौरान एक महिला और उसकी नवजात बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी चिकित्सक को...

Kushinagar News: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में खड्डा स्थित एक निजी अस्पताल में कथित तौर पर चिकित्सक की लापरवाही से प्रसव के दौरान एक महिला और उसकी नवजात बच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

डॉक्टर सैयद गिरफ्तार, अस्पताल संचालक पर मुकदमा दर्ज
खड्डा थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि अस्पताल संचालक डॉ सैयद के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया और विधिक प्रक्रिया पूरी कर उसे जेल भेज दिया गया है। उप जिलाधिकारी मोहम्मद जफर ने बताया कि अस्पताल बिना पंजीकरण संचालित हो रहा था। नियमानुसार अस्पताल के संचालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि मामले में दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

अस्पताल बिना पंजीकरण, प्रशासन ने किया सील
अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में प्रसव के दौरान हनुमानगंज थाना क्षेत्र के रामपुर जंगल गांव निवासी सिकंदर की पत्नी आसमा खातून (25) और उसकी नवजात बच्ची की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और शव को अस्पताल के बाहर रख विरोध प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया और आरोपित डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया। उधर, उप जिलाधिकारी (एसडीएम) एवं प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ पीएन गुप्ता की उपस्थिति में अस्पताल को सीज कर दिया गया है।

प्रसव के दौरान मां-बच्चा की मौत, भड़के परिजन
पुलिस के अनुसार आसमां को शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा के चलते खड्डा नगर के विब्रान्त हॉस्पिटल लाया गया था। परिजनों के अनुसार रात करीब 11 बजे उसका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा है और मां-बच्चा दोनों ठीक हैं, लेकिन कुछ ही देर में अस्पताल कर्मियों का व्यवहार बदल गया और बहानेबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के हवाले से बताया कि डॉक्टर ने ब्लड की व्यवस्था जिला अस्पताल से करने की बात कही और पैसों की मांग शुरू कर दी। जब आसमा की हालत और बिगड़ने लगी तो अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों से कहा कि महिला को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज ले जाना होगा, लेकिन हकीकत में ना तो उसे सही इलाज दिया गया ना ही ले जाया गया।

डॉक्टर की लापरवाही, इलाज ना होने और अस्पताल से भागने का आरोप
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल का संचालक डॉक्टर सैयद स्वयं को अस्पताल का चिकित्सक बता रहा था। उसके द्वारा प्रसूता आसमा और उसके बच्चे को जिंदा बताते हुए कुछ घंटे तक प्राइवेट वाहन में ही रखकर अस्पताल के आस-पास चक्कर लगवाया जाता रहा और जब परिजनों को शक हुआ और उन्होंने सख्ती से सवाल किया तो डॉक्टर सैयद खुद गाड़ी से उतरकर भागने की कोशिश करने लगा। इस पर परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस जांच में सामने आया है कि विब्रान्त अस्पताल बिना किसी पंजीकरण के अवैध रूप से संचालित हो रहा था। अस्पताल में न तो प्रशिक्षित डॉक्टर तैनात थे और न ही प्रसव जैसी गंभीर प्रक्रिया के लिए आवश्यक सुविधाएं मौजूद थी।

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