Edited By Purnima Singh,Updated: 20 Jun, 2025 05:13 PM

उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के चरखारी तहसील के खरेला कस्बे में गुरुवार को एक प्रशासनिक कार्रवाई ने नया विवाद खड़ा कर दिया। एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार की अगुवाई में अतिक्रमण के नाम पर एक 33 साल पुराने मकान पर बुलडोजर चलाया गया .....
महोबा (अमित श्रोती) : उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद के चरखारी तहसील के खरेला कस्बे में गुरुवार को एक प्रशासनिक कार्रवाई ने नया विवाद खड़ा कर दिया। एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार की अगुवाई में अतिक्रमण के नाम पर एक 33 साल पुराने मकान पर बुलडोजर चलाया गया। इस कार्रवाई का विरोध कर रही महिलाओं और एक युवक के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में एसडीएम खुद महिलाओं को धमकाते हुए, "बुलडोजर चढ़ा दो इनके ऊपर" कहते नजर आ रहे हैं। जिसके विरोध में युवक के साथ मारपीट तक कर दी।
बिना नोटिस के प्रशासन ने चलाया बुलडोजर
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि घर को बचाने के लिए महिलाओं और बच्चों ने मानव श्रृंखला बनाई थी, लेकिन प्रशासन ने सख्ती दिखाई। युवक योगेन्द्र सिंह से पुलिस के सहयोग से मारपीट भी की गई। पीड़ित परिवार का कहना है कि मकान 1989 से नगर पंचायत में दर्ज है, 2017 तक टैक्स भी लिया गया और 2020 में बिजली कनेक्शन भी दिया गया था। मकान मालिक के भतीजे योगेन्द्र सिंह का दावा है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन था, लेकिन बिना नोटिस के प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया। विरोध के दौरान एसडीएम की भाषा और रवैया बेहद आपत्तिजनक रहा। इस दौरान योगेन्द्र ने विरोध कर वीडियो बनाना चाहा तो एसडीएम ने पकड़कर उसे पीट दिया। वहीं पुलिसकर्मियों ने भी पीटा और थाने में ले जाकर धमकाया गया।
कार्रवाई के दौरान मकान मालिक की पत्नी हुईं बेहोश
इस कार्रवाई के दौरान मकान मालिक की पत्नी शकुंतला देवी बेहोश हो गईं, जबकि युवक योगेन्द्र सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है। वे इसे एकतरफा और गरीब विरोधी कार्रवाई बता रहे हैं। शकुंतला और सरिता बताती है कि बिना किसी जानकारी के एसडीएम ने प्रशासनिक अमले के साथ आकर बरसों पुराने मकान को गिरा दिया। उसका आरोप है कि यह कार्यवाही रंजिशन नगर पंचायत खरेला के अध्यक्ष द्वारा करवाने का आरोप भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य सार्वजनिक स्थानों को कब्जे है उन्हें नहीं हटाया गया। उन्होंने एसडीएम पर मारपीट करने पर धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
एसडीएम ने दी सफाई
एसडीएम डॉ. प्रदीप कुमार ने सफाई दी कि मकान नगर पंचायत की भूमि पर बना था और कई बार नोटिस दिए गए थे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे करके सरकारी कार्य में बाधा दी गई, जिस पर कड़े शब्दों का प्रयोग करना पड़ा। हालांकि वायरल वीडियो ने प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि प्रभावशाली अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, लेकिन गरीबों के घर तोड़े जाते हैं। यह मामला प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।