Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 Feb, 2025 11:07 PM
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुम्भ को “मृत्यु कुम्भ” वाले बयान पर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है।
Mahakumbh Nagar News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुम्भ को “मृत्यु कुम्भ” वाले बयान पर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। बता दें कि संतों ने पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के बयान को सनातन धर्म और महाकुंभ की पवित्रता का अपमान बताया। संत समाज ने ममता बनर्जी से अपने बयानों पर खेद प्रकट करने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा है।
महाकुंभ के लिए कहे गए अपने अपमानजनक शब्दों के लिए माफी मांगे ममता
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि ममता तो शुरू से ही हिन्दू विरोधी रही है। ममता को खुद देखना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में उन्होंने क्या करके रखा है। उन्होंने कहा कि यह वही ममता है जिसने पार्लियामेंट में कहा था कि बीफ खाने में बहुत स्वाद आता है। यह हिन्दू विरोधी रही है तो सनातन के महापर्व को कैसे बर्दाश्त कर पाएगी। महंत पुरी ने कहा कि इसके वक्तव्य का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि उसे अपने महाकुंभ के लिए कहे गए अपने अपमानजनक शब्दों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। राजनेताओं को धर्म के मामले में बहुत सोच समझकर बातें करनी चाहिए। उन्हें भाषा के प्रयोग के लिए विवेक का प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, ममता का बयान सनातन धर्म के खिलाफ उनकी ओछी मानसिकता का द्योतक है। उन्होंने कहा, ममता बनर्जी हमेशा सनातन का विरोध करती आई हैं। वह बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं।’’ गोवर्धन मठ पुरी के स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा, अमृत कुंभ होता मृत कुंभ नहीं।’’ कुंभ की उत्पत्ति अमृत के प्राकाट्य से है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी उच्च कुल की ब्राह्मण कन्या और एक राज्य की मुख्यमंत्री भी है।
उन्होंने कहा कि कुंभ से करोडो लोगों की आस्था जुड़ी है। कुंभ में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। देश के जिम्मेदार जननेता होने के नाते जनभावनाओं को समझाना बेहद जरूरी होता है। उन्होंने ममता बनर्जी को भाषा पर संयम रखने और अनर्गल बयानबाजी से बचने की सीख दिया।