योगी सरकार का बनाया 3 सदस्‍यीय न्यायिक जांच आयोग पहुंचा हाथरस, भगदड़ कांड के बाद दिल्ली भाग गया था मुख्य आरोपी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Jul, 2024 02:31 PM

hathras stampede case 3 member judicial inquiry commission reached hathras

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई को एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ मामले की जांच के लिए यूपी की योगी सरकार द्वारा गठित 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग हाथरस पुलिस लाइन पहुंचा है। यह जांच आयोग सत्संग में भगदड़ के बाद हुईं 121...

Hathras stampede case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में 2 जुलाई को एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ मामले की जांच के लिए यूपी की योगी सरकार द्वारा गठित 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग हाथरस पुलिस लाइन पहुंचा है। यह जांच आयोग सत्संग में भगदड़ के बाद हुईं 121 लोगों की मौत के मामले की जांच करेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर इस घटना के बाद दिल्ली भाग गया था और उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे शुक्रवार देर रात अपनी हिरासत में ले लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हाथरस में मची भगदड़ की इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी।

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मिली जानकारी के मुताबिक, मधुकर के वकील ए पी सिंह ने शुक्रवार देर रात दावा किया था कि उनके मुवक्किल ने दिल्ली में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि मधुकर को हाथरस पुलिस के ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप' (एसओजी) की टीम ने हिरासत में लिया। हाथरस में एक अन्य पुलिस अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि उसे (मधुकर को) नजफगढ़ इलाके के पास दिल्ली से हिरासत में लिया गया। हालांकि, पुलिस ने सत्संग के मुख्य सेवादार मधुकर की गिरफ्तारी की अभी तक आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की है। घटना के सिलसिले में हाथरस के सिकंदरा राऊ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में वह एकमात्र नामजद आरोपी है।

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मधुकर के वकील ए पी सिंह ने एक वीडियो संदेश में दावा किया था कि उनके मुवक्किल ने दिल्ली में आत्मसमर्पण कर दिया है, जहां उसका इलाज जारी है। सिंह ने शुक्रवार को कहा था कि हमने हाथरस मामले में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य आरोपी बताए जा रहे देवप्रकाश मधुकर का आज आत्मसमर्पण करा दिया है। उसका यहां इलाज चल रहा था इसलिए पुलिस, एसआईटी और एसटीएफ को दिल्ली बुलाया गया। वकील ने कहा कि हमने वादा किया था कि हम अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर नहीं करेंगे क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है। हमारा अपराध क्या है? वह एक इंजीनियर और हृदय रोगी हैं। चिकित्सकों ने कहा कि उनकी हालत अब स्थिर है और इसलिए हमने जांच में शामिल होने के लिए आज आत्मसमर्पण कर दिया।

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सिंह ने कहा कि पुलिस अब उसका बयान दर्ज कर सकती है या उससे पूछताछ कर सकती है, लेकिन उन्हें उसके स्वास्थ्य संबंधी स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ‘‘उसके साथ कुछ गलत न हो।'' उन्होंने कहा कि हमने अग्रिम जमानत अर्जी दायर करने या अदालत जाने जैसा कोई कदम नहीं उठाया, क्योंकि इसे खुद को बचाने के प्रयास और डरकर उठाए गए कदम के रूप में देखा जाता... इस बारे में सवाल उठ रहे हैं कि वह (मधुकर) कहां है और क्या वह भाग गया है। उन्होंने कहा कि मधुकर जांच में शामिल होगा और कार्यक्रम में मौजूद ‘‘असामाजिक तत्वों'' के बारे में जानकारी साझा करेगा। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मधुकर की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। उच्चतम न्यायालय के वकील ने 3 जुलाई को दावा किया था कि वह प्रवर्चनकर्ता सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ‘​​भोले बाबा' का भी प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके सत्संग में भगदड़ मची थी।

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वकील ने कहा कि इस घटना के पीछे कुछ ‘‘असामाजिक तत्वों'' का हाथ है। सिंह ने कहा था कि सूरजपाल राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। इस मामले में गुरुवार तक ‘भोले बाबा' के सत्संग की आयोजन समिति की दो महिला सदस्यों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में दो जुलाई को भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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