मुरादाबाद में फर्जी विजिलेंस अफसर गिरफ्तार, नीली बत्ती और हूटर लगी XUV से रौब गांठकर चलता था; एडिशनल कमिश्नर का फर्जी आई-कार्ड मिला

Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 Mar, 2025 05:49 PM

fake vigilance officer arrested in moradabad used to drive an xuv with blue

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो विजिलेंस अफसर बनकर लोगों को अपनी जाल में फंसाता और जमीनी विवाद के निपटारे के नाम पर पक्ष-विपक्ष दोनों से से लाखों रूपए ठग लेता।...

Moradabad News, (सागर रस्तौगी): उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो विजिलेंस अफसर बनकर लोगों को अपनी जाल में फंसाता और जमीनी विवाद के निपटारे के नाम पर पक्ष-विपक्ष दोनों से से लाखों रूपए ठग लेता। पकड़ा गया ठगनीली बत्ती लगी कार से चलता था और खुद को SIB का एडिशनल कमिश्नर बताकर पब्लिक पर रौब गांठता था। ठग के पास से पुलिस ने एडिशनल कमिश्नर लिखा एक फर्जी परिचय पत्र भी बरामद किया है। जिसमें ठग पुलिस की यूनिफार्म पहने नजर आ रहा है।
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मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी रण विजय सिंह बताया कि, 10 मार्च को रामपुर रोड पर फ्रेंडस अपार्टमेंट निवासी सुहैल ने पुलिस से शिकायत की थी कि, नीली बत्ती लगी कार में सवार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था। अपहरण करके उसे बिजनौर ले गए थे। जहां उसके साथ मारपीट की गई और जमीन के एक विवाद में समझौता करने के लिए धमकाया गया। इस मामले में कटघर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की थी। छानबीन में पुलिस के हाथ कुलदीप कुमार शर्मा तक पहुंचे। कुलदीप बुलंदशहर जिले में गुलावटी का रहने वाला है। इन दिनों वह मेरठ में पल्लवपुरम में रहता है। पुलिस ने उसे दबोचा तो उसके पास से एक XUV कार मिली, जिस पर नीली बत्ती लगी थी। उसके पास से एडिशनल कमिश्नर SIB लिखा हुआ एक फर्जी परिचय पत्र भी बरामद हुआ।

पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो सारा राज सामने आ गया
पुलिस ने कुलदीप कुमार शर्मा ने कड़ाई से पूछताछ की तो सारा राज सामने आ गया। उसने बताया कि, वो कोई विजिलेंस अधिकारी नहीं है। बल्कि फर्जी विजिलेंस अधिकारी बनकर लोगों से पैसों की वसूली करता है। पूछताछ में कुलदीप ने पुलिस को बताया कि, मैंने विजिलेंस अधिकारी का फर्जी आई कार्ड बना रखा है। फर्जी तरीके से गाड़ी पर नीली बत्ती भी लगा रखी है। इसके जरिए मैं लोगों पर रौब जमाता हूं। आपने आपको बड़ा अधिकारी बताकर लोगों के जमीनों के विवाद निपटवाता हूं, जिसमें मुझे अच्छी रकम बच जाती है। कुलदीप ने पुलिस को बताया, मैंने किसी का अपहरण नहीं किया। बल्कि मुझे पता चला था कि सुहैल अहमद और आफाक अहमद आदि का बिजनौर में जमीन का विवाद चल रहा है। मुझे लगा कि इस विवाद को निपटा दिया जाए तो मुझे अच्छी रकम बच सकती है। इसीलिए मैंने खुद को विजिलेंस का उच्चाधिकारी बताकर इन लोगों से संपर्क किया था।

पुलिस पूछताछ में कुलदीप ने बताया कि 7 मार्च को मैं सुहैल अहमद को अपनी गाड़ी में बैठाकर दूसरे पक्ष के पास नगीना बिजनौर लेकर गया था। वहां मैंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल दिखाते हुए दोनों पक्षों में समझौता भी करा दिया था। दोनों पक्ष समझौता मानकर रजिस्ट्री कार्यालय भी चले गए थे। लेकिन फैसले की कुछ शर्तों को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। जिसके बाद वहां पुलिस आ गई। मैंने इन लोगों को अपनी विजिलेंस की फर्जी आईडी दिखाई थी। पुलिस के आने पर मुझे पकड़े जाने का डर था, इसलिए मैं वहां से निकल गया।

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