पत्नी की हत्या मामले में पति को जिला सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा, 11 साल बाद पीड़ित परिवार को मिला न्याय

Edited By Ramkesh,Updated: 28 Nov, 2024 08:26 PM

district session judge sentenced husband in wife s murder case

जिला सत्र न्यायाधीश अब्दुल शाहिद की अदालत ने दहेज हत्या के एक मुकदमे क़ी सुनवाई करते हुए साक्ष्य के आधार पर दोषी सिद्ध पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उस पर अर्थदंड लगाया है। जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि केसरी...

प्रतापगढ़: जिला सत्र न्यायाधीश अब्दुल शाहिद की अदालत ने दहेज हत्या के एक मुकदमे क़ी सुनवाई करते हुए साक्ष्य के आधार पर दोषी सिद्ध पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और उस पर अर्थदंड लगाया है। जिला शासकीय अधिवक्ता योगेश शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि केसरी प्रसाद त्रिपाठी ने संग्रामगढ़ पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि उसने अपनी बेटी कविता त्रिपाठी (21) का विवाह दिसंबर, 2010 में अशोक कुमार तिवारी से किया था।

तहरीर के मुताबिक, शादी के बाद अशोक कुमार और ससुराल के अन्य लोग उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे और उनकी बेटी से चार लाख रूपए लाने को कहा गया। पैसे लाने से मना करने पर इन लोगों ने उसकी पिटाई की जिसकी जानकारी बेटी ने उन्हें दी थी। केसरी प्रसाद त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि 11, अगस्त 2013 को उसकी बेटी की पिटाई कर हत्या कर दी गई l पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया।

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद साक्ष्य के आधार पर अशोक कुमार तिवारी को हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई और साथ ही उस पर 20,000 रुपये का अर्थदंड लगाया। अदालत ने अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। 

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