Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Feb, 2025 09:56 AM

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तेजाब हमले की पीड़िता को मुआवजा देने के लिए आवश्यक कदम ना उठाने पर मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट की कड़ी आलोचना की। अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और मामले में...
Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तेजाब हमले की पीड़िता को मुआवजा देने के लिए आवश्यक कदम ना उठाने पर मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट की कड़ी आलोचना की। अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को निर्देश दिया है कि वह पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और मामले में दर्ज प्राथमिकी की प्रतियों समेत दस्तावेज गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के तहत महिला सुरक्षा प्रभाग को उपलब्ध कराएं। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य के सभी जिला मजिस्ट्रेटों को एक परिपत्र जारी करने के लिए भी कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में इस तरह की देरी न हो।
पीड़िता को मुआवजा देने में देरी पर मेरठ के DM को अदालत ने लगाई फटकार
मिली जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की पीठ ने मेरठ की रजनीता द्वारा दायर एक याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिन्होंने पीएम राष्ट्रीय राहत कोष के तहत तेजाब हमलों की पीड़ितों को देय एक लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त करने के लिए अदालत का रुख किया था। अदालत ने कहा, “दस्तावेजों को देखने से यह प्रतीत होता है कि तीन सितंबर, 2024 के एक पत्र के जरिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के उप सचिव ने मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट को मेडिकल रिपोर्ट और प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने को पत्र लिखा है। अदालत ने इस स्थिति को अत्यंत चिंताजनक करार देते हुए मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र का एक सप्ताह के अंदरअनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
तेजाब हमले की घटना 2013 में हुई और याचिकाकर्ता को कुछ मुआवजा दिया गया
अदालत ने कहा कि तेजाब हमले की घटना 2013 में हुई और याचिकाकर्ता को कुछ मुआवजा दिया गया। हालांकि रिकॉर्ड से यह स्पष्ट है कि सर्जरी और चिकित्सीय सहायता का खर्च, मुआवजे से कहीं अधिक है। इसलिए अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देना आवश्यक है कि याचिकाकर्ता को अतिरिक्त मुआवजा जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए। दिसंबर, 2013 में सड़क निर्माण के विवाद के दौरान याचिकाकर्ता पर तेजाब से हुए हमले में उसकी आंखें, सीना, गला और चेहरा बुरी तरह झुलस गया था। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह अतिरिक्त मुआवजा प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाती रही, लेकिन मुआवजा नहीं मिला।