'BJP मुसलमानों के खिलाफ साजिश...', 13 हजार अवैध मदरसे बंद कराने को लेकर भड़के बर्क के पोते जियाउर्रहमान

Edited By Imran,Updated: 07 Mar, 2024 06:30 PM

burke s grandson ziaur rahman angry over closure of illegal madrassas

उत्तर प्रदेश में 13 हजार मदरसों को बंद करने की शिफारिश को लेकर शफीकुर्रहमान बर्क के पोते और सपा विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा के पास चुनाव लड़ने का कोई मुद्दा नहीं है।

UP Madrasa: उत्तर प्रदेश में 13 हजार मदरसों को बंद करने की शिफारिश को लेकर शफीकुर्रहमान बर्क के पोते और सपा विधायक जियाउर्रहमान बर्क ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि भाजपा के पास चुनाव लड़ने का कोई मुद्दा नहीं है। अगर मदरसों में कुछ गलत है, तो साबित करके दिखाएं। सड़क से लेकर सदन तक हम इसका विरोध करेंगे। 

उन्होंने कहा है कि यह लोग मुसलमानों के खिलाफ साजिश रच कर हिंदुत्व को एक करना चाहते हैं। मुसलमान भी इस देश का हिस्सा हैं और मुसलमान इस देश के मालिक भी हैं। मुसलमानों ने भी इस देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान और माल की कुर्बानी दी है। आज जो मदरसे चल रहे हैं, उनको बंद कराने का कोई औचित्य नहीं बनता है। इन लोगों ने फर्जी तरीके से टीम गठित करके जो रिपोर्ट सौपी है, मैं पूरी तरह से उसकी मजम्मत और विरोध करता हूं।

जानिए क्या है पूरा मामला?
यूपी में मदरसों की जांच करने के लिए सरकार के द्वारा एक एसआईटी की टीम का गठन किया गया था। जांच पूरा होने के बाद एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट यूपी सरकार को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में करीब 13 हजार अवैध मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है। SIT की जांच और सिफारिश के बाद हजारों की संख्या में इन अवैध मदरसों पर कार्रवाई के लिए मदरसा बोर्ड तैयारी कर रहा है।

आपको बता दें कि एसआईटी की जांच में जिन मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है उनमें अधिकतर भारत-नेपाल की सीमा पर हैं. रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि ज्यादातर मदरसों का निर्माण पिछले 20 वर्षों में खाड़ी देशों से मिले फंड के जरिए किया गया है।

नेपाल से सटे जिलों में अवैध मदरसे
मिली जानकारी के अनुसार, SIT रिपोर्ट में लिखा गया है कि सबसे ज्यादा अवैध मदरसों का निर्माण भारत नेपाल सीमा से सटे बहराइच, श्रावस्ती और महराजगंज के साथ साथ सात जिलों में किया गया है। नेपाल से सटे इन जिलों में मदरसों की संख्या 500 से अधिक है। खास बात यह है कि एसआईटी की टीम ने जब इन मदरसों के संचालकों से आय और व्यय की जानकारी मांगने पर वो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। ऐसे में आशंका जताई गई कि टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रकम को हवाला के जरिए खाड़ी देशों से भेजा गया था। अवैध मदरसा संचालकों ने इस बात को माना कि चंदे की रकम से ही मदरसों का निर्माण डोनेशन के जरिए ही की गई हालांकि डोनेशन देने वालों के बारे में वे जवाब नहीं दे सके।

मुस्लिम देशों से आते थे पैसे
यह भी बताया जा रहा है कि एसआईटी की जांच में यह भी पता चला कि इन अवैध मदरसों में बच्चों का शारीरिक शोषण भी किया जाता था।दरअसल इस तरह की जानकारी पहले भी आ रही थी कि इन मदरसों को मान्यता भी नहीं है। जांच में यह भी पता चला कि कुल 23 हजार मदरसों में सिर्फ पांच हजार के पास अस्थायी मान्यता है। कुछ मदरसे तो सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए आवश्यक शर्तों को भी पूरी नहीं कर सके। यही नहीं ज्यादातर मदरसों ने मान्यता को रिन्यू या नवीनीकरण भी नहीं कराया और वो गैर कानूनी तरीके से मदरसा चलाते रहे।

बता दें कि नेपाल से सटे इलाकों में 80 मदरसों को खाड़ी देशों से करीब 100 करोड़ की फंडिग की ना सिर्फ जानकारी बल्कि पुष्टि भी हुई थी। इस तरह की जानकारी सामने आने के बाद यूपी में सभी मदरसों की जांच एसआईटी को सौंपे जाने का आदेश दिया था।

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