Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Apr, 2024 10:59 PM
जालौन-गरौठा भोगनीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है, लेकिन कभी यह सीट कांग्रेस की मानी जाती थी।
कानपुर देहात: जालौन-गरौठा भोगनीपुर लोकसभा सुरक्षित सीट पर इस वक्त भाजपा का कब्जा है, लेकिन कभी यह सीट कांग्रेस की मानी जाती थी। इस सीट पर कांग्रेस की उपस्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में 7 बार कांग्रेस को जीत मिली है। लेकिन 1984 के बाद कभी इस सीट पर कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका है। इस बार जालौन-गरौठा सीट से भाजपा ने मोदी सरकार में मंत्री और पांच बार के सांसद भानू प्रताप वर्मा को ही उतारा है। बसपा ने सुरेश चंद्र को मैदान में उतारा है। वह बसपा बुंदेलखंड के प्रभारी रह चुके हैं। सपा से नारायण दास अहिरवार चुनाव लड़ रहे हैं।
आजादी के बाद यहां सबसे पहले चुनाव 1952 में हुआ था। जिसमें कांग्रेस के लोटनराम पहले सांसद बने थे। इसके बाद 1957 में हुए लोक सभा चुनाव में इसी परिवार के लच्छीराम ने जीत दर्ज कर कांग्रेस का दबदबा बनाया। 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रामसेवक ने बाजी मारी। हैट्रिक लगाते हुए चैधरी रामसेवक 1967 और 1971 में भी सांसद चुने गए। इमरजेंसी के आक्रोश की आग के बाद इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा टूटा और पहली बार 1977 के चुनाव में कांग्रेस को इस सीट पर हार मिली। 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के टिकट पर लड़े रामचरण यहां से सांसद चुने गए। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनावों में यहां पर कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की और दोनों बार यहां से कांग्रेस के नाथूराम व लच्छीराम ने चुनाव जीता।
1989 में यहां जनता दल ने खाता खोला और जीत दर्ज की। फिर इस सीट पर दोबारा कभी कांग्रेस ने वापसी नहीं की। हालांकि 1991 के चुनाव में जनता दल से भाजपा ने यह सीट छीन ली और बीजेपी के गया प्रसाद कोरी सांसद बने ।1996 और 1998 दोनों ही चुनावों में यहां भाजपा ही जीती और भानु प्रताप वर्मा सांसद बने। 1999 में यहां तख्ता पलट हुआ और बसपा के ब्रजलाल खाबरी ने भानु प्रताप वर्मा को हैट्रिक पूरी नहीं करने दी लेकिन साल 2004 के चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी ने वापसी की और भानु प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की। वर्ष 2009 में यहां पहली बार सपा ने खाता खोला और घनश्याम अनुरागी चुनाव जीते, लेकिन 2014 में फिर से ये सीट भाजपा के खाते में गई और भानु प्रताप सिंह सांसद चुने गए। भानु प्रताप वर्मा ने बसपा के प्रत्याशी ब्रजलाल खाबरी को 2,87,202 वोटों से हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भानू प्रताप वर्मा ने एक बार फिर इस सीट पर विजय हासिल की।