Edited By Mamta Yadav,Updated: 27 Apr, 2024 09:26 PM
जिला प्रशासन ने तस्करी के संदेह में नाबालिग बच्चों से भरी एक बस को रोका, जिसमें ईद की छुट्टियों के बाद अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने जा रहे मदरसे के छात्र निकले। अयोध्या पुलिस ने बताया कि एक सूचना के आधार पर उसकी एक टीम ने बाल कल्याण समिति और एक...
Ayodhya News: जिला प्रशासन ने तस्करी के संदेह में नाबालिग बच्चों से भरी एक बस को रोका, जिसमें ईद की छुट्टियों के बाद अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने जा रहे मदरसे के छात्र निकले। अयोध्या पुलिस ने बताया कि एक सूचना के आधार पर उसकी एक टीम ने बाल कल्याण समिति और एक स्वयंसेवी संस्था के साथ मिलकर बिहार के अररिया जिले से सहारनपुर जा रही एक स्लीपर बस को रोका। प्रशासन को ऐसी खबरें मिली थीं कि बच्चों से मजदूरी कराने के लिए उनकी तस्करी की जा रही है।
ईद की छुट्टियों के बाद वापस लौट रहे थे बच्चे
अयोध्या की बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सर्वेश अवस्थी ने बताया, "इस बस में आठ से 15 वर्ष की आयु के कुल 95 बच्चे यात्रा करते पाए गए। बस को शुक्रवार की रात शहरी क्षेत्र में रोका गया।" हालांकि, प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि सभी बच्चे बिहार के अररिया के रहने वाले थे और उन्होंने सहारनपुर के एक मदरसे में दाखिला लिया था। वे ईद की छुट्टियों के बाद वापस लौट रहे थे। अयोध्या में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) शैलेन्द्र सिंह ने बताया, ‘‘नियमों को ध्यान में रखते हुए बच्चों को सुरक्षित रूप से लखनऊ के सरकारी आश्रय गृह में ले जाया गया। उनके माता-पिता को अपने बच्चों की पहचान करने के लिए आश्रय गृह पहुंचने के लिए कहा गया।"
प्रशासन को गलत जानकारी दी गई
अधिकारी ने कहा कि ऐसा बच्चों की मानव तस्करी की किसी भी संभावना की जांच करने के लिए किया गया था। अधिकारियों के मुताबिक अधिकतर बच्चों का सत्यापन शनिवार को कर लिया गया और उन्हें सहारनपुर जाने की अनुमति दे दी गई। जमीयत उलेमा हिंद अयोध्या के अध्यक्ष हाफिज इरफान अहमद ने कहा, "मानव तस्करी के बारे में प्रशासन को गलत जानकारी दी गई है जिससे भ्रम पैदा हुआ। बच्चों को सुरक्षित रूप से लखनऊ के सरकारी बाल गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है। बच्चों के माता पिता भी पहुंच रहे हैं। सहारनपुर के मदरसे से भी सत्यापन कर लिया गया।”