Edited By Ajay kumar,Updated: 20 Jun, 2024 05:23 PM
प्रदेश में कई जिलों में ग्रामीणों से शहरी दर पर बिजली बिल वसूलने के मामले में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से जवाब तलब किया है। आयोग ने चेतावनी देते हुए कहा कि कॉरपोरेशन अविलंब विस्तृत रिपोर्ट पेश करे, अन्यथा आयोग स्वतः...
लखनऊ: प्रदेश में कई जिलों में ग्रामीणों से शहरी दर पर बिजली बिल वसूलने के मामले में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन से जवाब तलब किया है। आयोग ने चेतावनी देते हुए कहा कि कॉरपोरेशन अविलंब विस्तृत रिपोर्ट पेश करे, अन्यथा आयोग स्वतः संझान लेते हुए कार्रवाई शुरू करेगा।
पावर कॉरपोरेशन को नोटिस जारी
बिजली आपूर्ति 24 घंटे किए जाने के नाम पर ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर घोषित कर शहरी बिलिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उपभोक्ता परिषद की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर नियामक आयोग ने परीक्षण शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर नियामक आयोग ने बुधवार को पावर कॉरपोरेशन को नोटिस जारी पूर्व में चल रहे इस तरह के मामले में जवाब-तलब कर लिया है। कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार को जारी नोटिस में आयोग ने 15 दिसंबर 2023 को आयोग की ओर से जारी निर्देश का हवाला देते हुए अभी तक जवाब न दाखिल करने पर नाराजगी जताई है। कहा गया है कि 10 माह बीत जाने के बाद भी कॉरपोरेशन ने जवाब दाखिल नहीं किया है।
लागू नहीं होने देंगे प्रस्तावः अवधेश वर्मा
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्ष 2022-23 से शहरी और ग्रामीण घरेलू बिजली उपभोक्ता लगभग एक समान दर पर बिजली का भुगतान कर रहे हैं। अंतर केवल यह है कि ग्रामीण उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में ग्रामीण फीडर को शहरी घोषित करने का प्रस्ताव लागू नहीं होने दिया जाएगा।