Edited By Pooja Gill,Updated: 06 May, 2023 11:17 AM
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जब शाइस्ता को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जानकारी मिली तो शाइस्ता परवीन भेष बदलकर शूटर साबिर के साथ कसारी मसारी...
प्रयागराज (सैयद रजा): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जब शाइस्ता को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जानकारी मिली तो शाइस्ता परवीन भेष बदलकर शूटर साबिर के साथ कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंची थी। शाइस्ता अतीक के अंतिम दर्शन करना चाहती थी, लेकिन पुलिस का कड़ा पहरा होने की वजह से अपने पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाई। इस बात का खुलासा अतीक के बेटे असद के दोस्त अतिन जफर ने पुलिस को दिए एक बयान में किया है। जिसके बाद पुलिस ने धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, अतीक अहमद की हत्या के बाद उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन 16 अप्रैल को प्रयागराज आई थी। शाइस्ता यहां खुल्दाबाद इलाके में अतीक अहमद के एक बेहद करीबी के घर पर रुकी हुई थी। अतीक को कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किए जाने से पहले वो उसका आखिरी बार चेहरा देखना चाहती थी। शाइस्ता के साथ उमेश पाल शूटआउट केस का शूटर साबिर भी था. दोनों उस दिन कसारी मसारी कब्रिस्तान जाना चाहते थे ताकि वो अतीक अहमद के जनाजे में शामिल हो सके, लेकिन पुलिस के कड़े पहरे की वजह से ऐसा नहीं हो सका।
भेष बदलकर आई थी शाइस्ता
सूत्रों के मुताबिक, शाइस्ता अतीक के अंतिम दर्शन करने भेष बदलकर आई थी। वो कुछ बुर्कानशीं महिलाओं की भीड़ के बीच कब्रिस्तान जाने की फिराक में थी। मगर कब्रिस्तान और आसपास के इलाके को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दिया था। कब्रिस्तान में दाखिल होने वाले हर शख्स की आईडी चेक की जा रही थी और उसकी तस्वीरें ली जा रही थी, जिस वजह से शाइस्ता अतीक के जनाजे में शामिल नहीं हो पाई और उसे अपना इरादा बदलना पड़ा। पुलिस को इस बात की जानकारी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए बेटे असद अहमद के दोस्त आतिन जफर को हिरासत में लिए जाने के दौरान हुई।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
इस खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे है। प्रयागराज पुलिस शाइस्ता की लंबे समय से तलाश कर रही है, लेकिन फिर भी उसे नहीं ढूंढ पाई। वहीं, जब शाइस्ता जब अतीक के जनाजे में शामिल होने के लिए प्रयागराज आती है तो भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगती। जबकि पुलिस ने कब्रिस्तान और आसपास के इलाके को छावनी में तब्दील किया हुआ था।