Edited By Mamta Yadav,Updated: 16 Jul, 2024 05:22 PM
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध कब्जों पर प्रभावी रूप से कार्यवाही करते हुए उनको कब्जा मुक्त करने के आदेश सभी जनपद के अधिकारियों को दिए हैं। लेकिन शामली जनपद की अगर बात करें तो यहां के हालात कुछ ज्यादा ही खराब है जिसकी एक जीती...
Shamli News, (पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध कब्जों पर प्रभावी रूप से कार्यवाही करते हुए उनको कब्जा मुक्त करने के आदेश सभी जनपद के अधिकारियों को दिए हैं। लेकिन शामली जनपद की अगर बात करें तो यहां के हालात कुछ ज्यादा ही खराब है जिसकी एक जीती जागती तस्वीर भी सामने आई है। जहाँ पर सिस्टम से मारा एक व्यक्ति शामली से लखनऊ के लिए साइकिल पर रवाना हो गया जहाँ पर तालाब से अवैध कब्ज़ा हटवाने के लिए वह मुख्यमंत्री के दरबार में हाज़री लगाएगा।
8 फरवरी को भी साइकिल पर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए हुए थे रवाना...
बता दें कि थानाभवन थाना क्षेत्र के ग्राम चंदेना माल निवासी कंवर सिंह मंगलवार को शामली से लखनऊ के लिए साइकिल पर रवाना हो गए जो कि लखनऊ में मुख्यमंत्री के दरबार में हाजिरी लगाएंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की गुहार लगाएंगे। कंवर सिंह ने बताया कि उनके गांव में तालाब की भूमि पर गांव के ही कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा करकर उस पर अवैध निर्माण किया हुआ है जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार जिला प्रशासन से की लेकिन जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने फरवरी माह में मुख्यमंत्री से मिलने का मन बनाया और वह 8 फरवरी में साइकिल पर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उन्हें मेरठ में रोक लिया गया था। वहां पर अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया था कि तालाब से अवैध कब्जा हटवा दिया जाएगा। इसके बाद 13 फरवरी को अवैध निर्माण को हटाने के नोटिस लग गए थे लेकिन उसके बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और नोटिस लगने के बाद भी उन्होंने कई बार अधिकारियों से मुलाकात की और प्रार्थना पत्र दिए लेकिन बावजूद उसके भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जिस कारण अब वह मजबूर होकर साइकिल पर लखनऊ मुख्यमंत्री से मिलने के लिए निकले हैं।
सिस्टम से लड़ते-लड़ते पैसा हो गया खत्म...
जब उनसे पूछा गया कि वह साइकिल पर ही क्यों जा रहे हैं तो उन्होंने बताया कि इतनी बार आते-आते और कार्यवाही करने के नाम पर प्रार्थना पत्र देते और सिस्टम से लड़ते-लड़ते उनके पास पैसा ही खत्म हो गया है अब उनके पास साइकिल पर जाने के सिवा और कोई चारा नहीं बचा है। अब वह मुख्यमंत्री के दरबार में जाएंगे और उन्हीं के दरबार में अपनी अर्जी लगाएंगे।