Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jul, 2020 01:37 PM
उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर शिक्षा मित्रों द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एमए शांतनगौदार और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने सभी पक्षों की...
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर शिक्षा मित्रों द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एमए शांतनगौदार और न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि राज्य सरकार ने परीक्षा प्रक्रिया में जो भी संशोधन किए हैं, वो शीर्ष अदालत के आदेशों के खिलाफ हैं। अगर किसी आवेदक ने टेस्ट पास किया है तो उसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
धवन ने कहा कि अगर सरकार ने कटऑफ बढ़ा दिया तो शीर्ष अदालत द्वारा शिक्षा मित्रों को वेटेज देने वाला आदेश लागू नहीं हो पाएगा। शिक्षा मित्रों की ओर से वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि पिछली बार एक लाख 37 हजार के पहले भाग में 40/45 कटऑफ था। इस बार कोई कटऑफ नहीं रखा गया था, इसलिए शिक्षा मित्रों ने भर्ती के लिए पिछली बार की तरह ही तैयारी की थी।
न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि जिन शिक्षा मित्रों की 10 साल की नौकरी हो चुकी है, उन्हें 25 अंक का अतिरिक्त लाभ मिलना चाहिए। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जिरह की।