Edited By prachi,Updated: 12 Sep, 2019 04:00 PM
2008 में गायब हुआ मानसिक रूप से ग्रसित दरभंगा का रहने वाला सतीश चौधरी 11 साल तक बांग्लादेश की जेल में कैद रहे। गुरुवार को सतीश की वतन वापसी हो गई। बांग्लादेश ने दर्शना-गेडे सीमा पर सतीश को बीएसएफ के अधिकारियों को सौंप दिया। सतीश की रिहाई को लेकर...
दरभंगाः 2008 में गायब हुआ मानसिक रूप से ग्रसित दरभंगा का रहने वाला सतीश चौधरी 11 साल तक बांग्लादेश की जेल में कैद रहे। गुरुवार को सतीश की वतन वापसी हो गई। बांग्लादेश ने दर्शना-गेडे सीमा पर सतीश को बीएसएफ के अधिकारियों को सौंप दिया। सतीश की रिहाई को लेकर उनके पूरे गांव में खुशी का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, दरभंगा के मनोरथा गांव के बेहद गरीब परिवार के रहने वाले और मानसिक रूप से ग्रसित सतीश चौधरी 2008 में अपने घर से बाहर मजदूरी करने निकले थे। इसके बाद उनका कोई पता नहीं चला। परिवार ने पटना पुलिस को भी इसकी सूचना दी लेकिन काफी समय तक उनका कुछ पता नहीं चला।
फिर 2012 में बांग्लादेश स्थित भारतीय दूतावास से सतीश की तस्वीरों के साथ फोन पर यह जानकारी मिली कि वह बांग्लादेश में है। इसके चलते परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सतीश के बांग्लादेश में होने की जानकारी मिलने के बाद उनके भाई मुकेश चौधरी सालों तक दफ्तरों के चक्कर काटते रहे लेकिन उन्हें कोई ठोस मदद नहीं मिली।
इसके बाद दरभंगा के वर्तमान जिलाधिकारी ने इस मामले में सक्रियता दिखाई। उन्होंने पूरे मामले की जांच कर गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद सतीश का वतन वापस आने का रास्ता साफ हुआ और आज वह 11 साल बाद अपने परिवार के लौट पाए।