Edited By Imran,Updated: 19 Aug, 2023 04:33 PM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि कोई मीडिया समूह ‘नकारात्मक' समाचार प्रकाशित करता है जिससे राज्य की छवि खराब हो सकती है या अपनी रिपोर्ट में ‘गलत तथ्य' प्रस्तुत करता है तो उसके प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा जाए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि कोई मीडिया समूह ‘नकारात्मक' समाचार प्रकाशित करता है जिससे राज्य की छवि खराब हो सकती है या अपनी रिपोर्ट में ‘गलत तथ्य' प्रस्तुत करता है तो उसके प्रबंधक से स्पष्टीकरण मांगा जाए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने 16 अगस्त के एक आदेश में कहा कि ‘नकारात्मक' समाचार लेखों को एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पर पंजीकृत किया जाएगा और संबंधित मंडलायुक्तों, जिला मजिस्ट्रेट और विभागाध्यक्ष को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। आदेश के अनुसार,‘‘ यदि ऐसा संज्ञान में आता है कि किसी समाचार पत्र/मीडिया में किसी घटना को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है अथवा गलत तथ्यों का उल्लेख किया जा रहा है तथा राज्य सरकार अथवा जिला प्रशासन की छवि धूमिल करने का प्रयास करते हुए नकारात्मक समाचार प्रकाशित किया जा रहा है, तो उस पर संबंधित जिला मजिस्ट्रेट द्वारा संबंधित मीडिया समूह/समाचार पत्र के प्रबंधक को एक पत्र भेजा जाएगा और स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।''

प्रसाद ने कहा कि सूचना विभाग दैनिक समाचार पत्रों और मीडिया में प्रकाशित ‘‘नकारात्मक खबरों'' को एकत्र करता है। उन्होंने कहा, ‘‘इन नकारात्मक खबरों के तथ्यों की तुरंत जांच करना जरूरी है क्योंकि ये खबरें सरकार की छवि खराब करती हैं।'' प्रसाद ने कहा, ‘‘ऐसे लेखों को आईजीआरएस पर दर्ज किया जाएगा और संबंधित मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और विभागाध्यक्षों को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। अंतरिम रिपोर्ट को वैध नहीं माना जाएगा।''