Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 09 Dec, 2021 05:02 PM
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि सरकार द्वारा मंदिरों का सरकारीकरण कर इनका प्रबंधन अपने हाथ में लेना गलत है। मिलिंद ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर...
लखनऊ: विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि सरकार द्वारा मंदिरों का सरकारीकरण कर इनका प्रबंधन अपने हाथ में लेना गलत है। मिलिंद ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर और दक्षिण भारत सहित देश के अन्य इलाकों में दशकों से मंदिरों का प्रबंधन अपने हाथ में लेकर इनका सरकारीकरण किया जा रहा है। यह सरकार की भेदभावपूर्ण मंशा को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि हिन्दू धर्मस्थलों का सरकारीकरण हो रहा है तो मुस्लिमों और ईसाईयों के धर्मस्थलों को भी सरकारी नियंत्रण में कर देना चाहिए।''
मिलिंद ने कहा कि विहिप इस वर्ष हिंदू कलेंडर के मुताबिक 14 दिसंबर को ‘गीता जयंती' पूरे देश में शौर्य दिवस के रूप में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि गीता जयंती की तिथि को ही आयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया था। समाज में शौर्य और पराक्रम के भाव को बनाये रखने लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। मिलिंद ने बताया कि इसके अलावा विश्व हिन्दू परिषद् 23 दिसंबर को धर्म रक्षा दिवस भी मनाएगा।
शिया विद्वान वसीम रिजवी के हिंदू धर्म अपनाने के सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि विहिप वसीम रिज़वी का हिन्दू धर्म में स्वागत करती है। हिन्दू धर्म के दरवाज़े सबके लिए खुले हैं। हिन्दू धर्म सबके कल्याण की कामना करने वाला धर्म है। उन्होंने मथुरा में भी मंदिर निर्माण के सवाल पर कहा कि हिंदू समाज अयोध्या की तरह मथुरा, काशी को भी प्राप्त करेगा। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर कहा कि ट्रस्ट में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार ही सारा काम हो रहा है। सरकार में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के दखल के सवाल पर उन्होंने कहा कि भले ही आरएसएस और केंद्र सरकार की विचारधारा एक है, लेकिन केंद्र सरकार को आरएसएस चला रहा है, ऐसा कहना गलत है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में वही सरकार होनी चाहिए जो हिंदू हित की बात करे।