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कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी यूपी एग्रीज: सीएम योगी

Edited By Pooja Gill,Updated: 28 Jan, 2025 03:43 PM

up agris will prove to be a milestone

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) परियोजना किसान और कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आईपीजी में परियोजना के शुभारंभ के मौके पर उन्होंने...

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) परियोजना किसान और कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आईपीजी में परियोजना के शुभारंभ के मौके पर उन्होंने कहा कि देश में खाद्यान्न का जो निर्यात होता है, उनमें तीसरे स्थान पर यूपी है। ऐसे में यूपी एग्रीज परियोजना प्रदेश के एक्सपोर्ट की संभावनाओं को आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा। यह अन्नदाता किसानों और कृषि सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी शुरुआत है। उन्होंने कहा कि चार हजार करोड़ की यूपी एग्रीज परियोजना में से 2,737 करोड़ का लोन विश्व बैंक और 1,166 करोड़ का अंशदान राज्य सरकार ने देने की व्यवस्था की है।

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देश में लगभग 45 फीसदी भूमि कृषि योग्य हैः योगी
सीएम योगी ने कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि और उससे संबंधित सेक्टर को चिन्हित करना, प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि, विशिष्ट कृषि उत्पादों, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट और माकेर्ट सपोर्ट सिस्टम को विकसित करना है, जिससे अन्नदाताओं की आय में वृद्धि कर सके। यह परियोजना इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए नए अभियान को आगे बढ़ने की शुरुआत है। योगी ने कहा कि देश में लगभग 45 फीसदी भूमि कृषि योग्य है। इसमें से 75 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि उत्तर प्रदेश में मौजूद है, जो सबसे उपयोगी और उर्वरा भूमि मानी जाती है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश गेहूं, आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज और शहद आदि के उत्पादन में देश में नंबर एक स्थान पर है। देश में जो सब्जी उत्पादन होता है, उसमें से सब्जी के उत्पादन की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी और फल उत्पादन में 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश के पास है। उत्तर प्रदेश में जहां देश की 16 से 17 प्रतिशत जनसंख्या उत्तर प्रदेश में निवास करती है, वहीं खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 23 प्रतिशत से अधिक है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश को देश के फूड बॉस्केट के रूप में जाना जाता है।

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6 वर्ष का होगा यह प्रोजेक्ट: योगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि परियोजना के पहले चरण में यूपी के आठ कमिश्नरी के 28 जनपद चुने गए हैं। यह प्रोजेक्ट 6 वर्ष का होगा। इसकी शुरुआत 2024-25 से प्रारंभ होकर 2029-30 तक यूपी में लागू होगी। ऐसे में एग्रीकल्चर की अभी जो प्रोडक्टिविटी है, इसमें 30 से 35 फ़ीसदी की अतिरिक्त वृद्धि करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश समग्र विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। इनमें कृषि और उससे संबंधित सेक्टर की प्रगति स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। यह कार्यक्रम उसी अभियान का एक हिस्सा है। इसमें उन्नाव में यूपीडा की इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग एंड लॉजिस्टिक क्लस्टर में केमपैक इंडिया द्वारा ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग इकाई का शिलान्यास कार्यक्रम भी शामिल है।1300 करोड रुपए की लागत का निवेश एसबीआई के तहत प्रदेश में आएगा। इसके अलावा मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए प्रदेश सरकार एवं यूएई के एक्वाब्रिज के मध्य करीब 4 हजार करोड़ के निवेश का एमओयू हुआ। वहीं डाटा बैंक की उपयोगिता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन का एक कारक बनेगी।  

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