Edited By Ramkesh,Updated: 14 Dec, 2022 02:49 PM
समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के कुछ कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सर्वेक्षण अथवा छापे की कारर्वाई पर सवालिया निशान लगाया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के कुछ कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सर्वेक्षण अथवा छापे की कारर्वाई पर सवालिया निशान लगाया है। मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया ‘‘ सरकार की गलत नीतियों व कार्यशैली आदि का ही परिणाम है कि पहले से ही नए जीएसटी राज के जंजाल से पीड़ित व्यापारी वर्ग अब यूपी में भी जीएसटी सर्वे/छापेमारी से तंग व दु:खी होकर बाजार बंद एवं आन्दोलन करने को मजबूर हो रहे हैं, जिसका निवारण जरूरी।''
उन्होंने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों की क्रय शक्ति काफी घट गई है, फिर भी गरीब व मजदूर वर्ग दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर भी जीएसटी की महंगी दर चुकाने को मजबूर है, किन्तु सरकार निश्चिन्त है कि उसका जीएसटी कलेक्शन बढ़ रहा है, क्या ऐसी सोच उचित, जनहितैषी।''
बता दें कि उत्तर प्रदेश में GST की लगातार छापेमारी लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी भाजपा परिवार के सम्मानित सदस्य है। भाजपा की केंद्र/प्रदेश में लगातार सरकार बनाने में आप का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सरकार व्यापारियों के साथ है। केशव ने कहा कि कोई भी अधिकारी/कर्मचारी व्यापारियों को अनावश्यक परेशान किया तो दंडित होगा। विपक्षी राजनीति न करें जब थे सरकार में,गुंडों के सरदार थे! गौरतलब है कि प्रदेश के कुछ व्यापारियों के प्रतिष्ठानों पर जीएसटी की छापेमारी कर विरोध कुछ व्यापारी संगठन कर रहे हैं जिसका समर्थन सपा और रालोद पहले ही कर चुकी हैं।