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'बदनाम करने की है साजिश, हो निष्पक्ष जांच', प्रदेश सचिव की मौत पर संजय निषाद का बयान

Edited By Pooja Gill,Updated: 17 Feb, 2025 03:03 PM

there is a conspiracy to defame there should be an impartial

महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में निषाद पार्टी प्रदेश सचिव ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया है। धर्मात्मा की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस को पोस्टमार्टम...

महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में निषाद पार्टी प्रदेश सचिव ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया है। धर्मात्मा की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस को पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने से रोक दिया। युवक ने फेसबुक पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिख कर मंत्री संजय निषाद और उनके बेटे के ऊपर गंभीर आरोप लगाया है। उसने कहा कि उसकी मौत का जिम्मेदार संजय निषाद है। जिस पर अब संजय निषाद का बयान सामने आया है।

'धर्मात्मा ऐसा कभी नहीं कर सकते'
निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने इसे साजिश का नाम दिया है। उन्होंने कहा कि बदनाम करने की साजिश है। धर्मात्मा पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उनकी आत्महत्या की सूचना से स्तब्ध हूं। धर्मात्मा के सोशल मीडिया अकाउंट से मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से असत्य टिप्पणी की गई है। मुझे पूरा भरोसा है कि धर्मात्मा ऐसा कभी नहीं कर सकते।

'मेरी और पार्टी की छवि धूमिल करने की साजिश'
इससे आगे संजय निषाद ने कहा कि ''इस पोस्ट के जरिये मेरी और मेरे परिवार के साथ ही पार्टी की छवि धूमिल करने की साजिश रची गई है। मैं इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच चाहता हूं, ताकि सच सामने आए कि आखिर धर्मात्मा ने किन परिस्थितियों में आत्मघाती कदम उठाया और किस व्यक्ति द्वारा यह पोस्ट कर हम सबकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया। धर्मात्मा निषाद का असमय इस संसार को छोड़कर चले जाना अत्यंत दुखद है। मैं निःशब्द और स्तब्ध हूं। मुझे दुख है कि मेरे समाज का एक होनहार युवा राजनीति की भेंट चढ़ गया है। मैं जल्द ही स्वर्गीय धर्मात्मा निषाद के परिजनों से मुलाकात करने के पश्चात सभी के सवालों का जवाब दूंगा।''

'मेरी मौत के जिम्मेदार संजय निषाद'
निषाद पार्टी प्रदेश सचिव ने पोस्ट में लिखा, ''10 साल से मैं निषाद पार्टी से जुड़ा रहा। जितना समय मैंने पार्टी को दिया, उतना तो अपने परिवार को भी नहीं दिया। मेरी लोकप्रियता देखकर इन लोगों की बेचैनी बढ़ने लगी। 2 साल से ये लोग मुझे कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। इन लोगों की वजह से मुझे जेल जाना पड़ा। मेरा मन करता था इन सबको जान से मार दूं। धर्मात्मा के घर के बाहर निषाद समाज के लोगों की भीड़ लगी है। परिवार के लोग धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि सभी आरोपियों पर केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार किया जाए। मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात है। परिवार ने अंतिम संस्कार से मना कर दिया है।'' 


 

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