Edited By Mamta Yadav,Updated: 17 Feb, 2025 05:28 PM
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उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के नेता धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या के बाद जिले में हलचल मच गई है। इस घटना के बाद जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और लंबी बातचीत की। इस दौरान प्रशासन ने परिवार को न्याय...
Maharajganj News, (मार्तण्ड गुप्ता): उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के नेता धर्मात्मा निषाद की आत्महत्या के बाद जिले में हलचल मच गई है। इस घटना के बाद जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और लंबी बातचीत की। इस दौरान प्रशासन ने परिवार को न्याय दिलाने और आवश्यक सहायता प्रदान करने का भरोसा दिलाया।
परिजनों को मिला सरकारी मदद का आश्वासन
डीएम ने मृतक धर्मात्मा निषाद के परिवार को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने परिजनों को सरकारी नौकरी, 25 डिसमिल जमीन का पट्टा और एक पक्का मकान देने का वादा किया। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि पीड़ित परिवार को किसी भी तरह की असुविधा नहीं होगी और सरकारी स्तर पर पूरी सहायता दी जाएगी।
तेजी से होगी सहायता: प्रशासन की गारंटी
डीएम ने कहा कि 15 दिन के भीतर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। इसके अलावा, एक हफ्ते के अंदर मकान और जमीन का आवंटन भी किया जाएगा। इस आश्वासन के बाद परिजन थोड़े संतुष्ट नजर आए, लेकिन उन्होंने जल्द से जल्द न्याय की मांग दोहराई।
फेसबुक पोस्ट कर लगाए थे गंभीर आरोप
धर्मात्मा निषाद ने आत्महत्या से पहले एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद और उनके दोनों बेटों पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस पोस्ट के वायरल होने के बाद राजनीतिक हलकों में भूचाल आ गया। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा और निष्पक्ष जांच की मांग की।
परिजनों ने की निष्पक्ष जांच की मांग
मृतक के भाई और अन्य परिजनों ने डीएम और एसपी से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
निषाद समाज में आक्रोश, बढ़ी राजनीतिक सरगर्मियां
इस घटना के बाद निषाद समाज में भारी आक्रोश है। कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल सरकार पर दबाव बना रहे हैं। इस आत्महत्या ने सरकार की निषाद राजनीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन अपने वादों को कितना जल्दी पूरा करता है और क्या इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई होती है या नहीं।