Edited By Pooja Gill,Updated: 26 Dec, 2023 03:30 PM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि ‘वीर बाल दिवस' हमें सिख गुरुओं के बलिदान की याद दिलाता है और साहिबजादों के बलिदान की गाथा हर बच्चे और युवा को सुनाई जानी चाहिए। उन्होंने अपने...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि ‘वीर बाल दिवस' हमें सिख गुरुओं के बलिदान की याद दिलाता है और साहिबजादों के बलिदान की गाथा हर बच्चे और युवा को सुनाई जानी चाहिए। उन्होंने अपने सरकारी आवास में आयोजित विशेष संकीर्तन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गुरु गोविंद सिंह के चारों पुत्र धर्म और देश की रक्षा के लिए हंसते-हंसते प्राणों की आहुति दे दी। यह इतिहास युवा पीढ़ी तक पहुंचानी होगी, ताकि वे अपने बलिदानियों की गौरवगाथा के बारे में जानें।''
'चार शहीद हुए तो क्या हुआ, जीवित हुए हजार'
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक मंडल और जनपद स्तर पर वीर बालकों का सम्मान किया जाना चाहिए। साथ ही प्रदेश में सिख गुरुओं से संबंधित सभी स्थलों को चिह्नित करते हुए उनके विकास के लिए कार्य किये जाएंगे। योगी ने गुरु गोविंद सिंह को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने अपने चार-चार पुत्र देश और धर्म की रक्षा करते हुए बलिदान कर दिए। जब गुरु गोविंद सिंह जी से पूछा गया कि आपके चार पुत्र शहीद हुए, उस समय उनके मुख से यही निकला था कि चार हुए तो क्या हुआ, जीवित हुए हजार। ऐसे कार्यक्रम उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर हैं।
'सिख गुरुओं का बलिदान देश और धर्म के लिए था'
मुख्यमंत्री ने लखनऊ के सिखों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सभी ने 2020 से लगातार इस बात को उठाया कि भारत के इतिहास में सर्वोच्च बलिदान देने वाले साहिबजादों को आखिर क्यों विस्मृत कर दिया गया। जिन साहिबजादों के बलिदान दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाना चाहिए, उसकी जगह किसी और घटना को बाल दिवस से जोड़ दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और प्रेरणा से दोनों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान दिवस को आज पूरा देश वीर बाल दिवस के रूप में मना रहा है। सिख गुरुओं का बलिदान व्यक्तिगत या परिवार के लिए नहीं था, बल्कि उनका बलिदान देश और धर्म के लिए था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमारे स्कूली बच्चों के सामने साहिबजादों का इतिहास आना ही चाहिए।