पीलीभीत: छात्रा को अगवा कर लखीमपुर में कार से फेंकने का मामला निकला फर्जी, दामाद के भाई को फंसाने के लिए पिता ने रची थी अपहरण की कहानी

Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Jun, 2024 09:15 AM

the case of kidnapping and throwing a girl student turned out to be fake

जेएनएम छात्रा को पीलीभीत से अगवा कर लखीमपुर खीरी में कार से फेंकने की घटना फर्जी निकली। दरअसल, छात्रा के पिता ने अपने दोस्त की मदद से बड़े दामाद के छोटे भाई को फंसाने के लिए पूरा ड्रामा किया था।

पीलीभीत: जेएनएम छात्रा को पीलीभीत से अगवा कर लखीमपुर खीरी में कार से फेंकने की घटना फर्जी निकली। दरअसल, छात्रा के पिता ने अपने दोस्त की मदद से बड़े दामाद के छोटे भाई को फंसाने के लिए पूरा ड्रामा किया था। छात्रा के पिता समेत दो लोगों की गिरफ्तारी की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को एसपी अविनाश पांडेय ने घटना का खुलासा कर दिया। 
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क्या है पूरा मामला? 
सुनगढ़ी थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 14 जून को सेहरामऊ उत्तरी थाने में बेटी के लापता होने की तहरीर दी थी। जिसमें बताया था कि 12 जून की शाम को उसकी पुत्री पैतृक गांव जाने के लिए निकली थी और लापता हो गई है। बेटी जेएनएम द्वितीय वर्ष की छात्रा है। 19 जून को लापता छात्रा बदहवास हालत में लखीमपुर खीरी में सीतापुर फोरलेन पर चिमनी गांव के पास मिली थी। आरोप था कि उसे कुछ कार सवार फेंक कर चले गए। छात्रा को पीलीभीत मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया था। परिवार ने सामूहिक दुष्कर्म की आशंका भी जताई थी लेकिन मेडिकल परीक्षण में कुछ नहीं आया। एसपी अविनाश पांडेय ने तीन टीमें गठित की और सुरागरसी कराई। कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिसके बाद साक्ष्य जुटते गए और घटना फर्जी निकली। छात्रा का अपहरण हुआ ही नहीं था। उसे परिवार वाले सुनियोजित साजिश के तहत हाईवे पर उतारकर आ गए थे। बहनोई के भाई को फंसाने के लिए छात्रा भी नाटक करती चली गई। शनिवार को एसपी ने घटना का खुलासा किया। छात्रा के पिता और उसके दोस्त सीतापुर जनपद के थाना हरगांव क्षेत्र के ग्राम भदेवा के रहने वाले डॉ. रामचंद्र पुत्र खूबचंद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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डॉक्टर दोस्त ने भी इस साजिश में खुलकर मदद की
पुलिस के अनुसार 15 जून की शाम 7.20 बजे पिता लापता छात्रा को बाइक से अपनी ससुराल मैलानी क्षेत्र में ले गया था। 16 जून को छात्रा को पिता ने अपने पुराने मित्र सीतापुर के गांव भदेवा के डॉ. रामचंद्र के घर छोड़ दिया था। डॉक्टर दोस्त ने भी इस साजिश में खुलकर मदद की। 18 जून की रात को पिता वापस सीतापुर पहुंचा। 19 जून की सुबह चार बजे पिता, डॉक्टर दोस्त और एक अन्य युवक छात्रा के साथ कार में रवाना हुए। कार डॉक्टर दोस्त की थी। फिर उसे चिमनी गांव के पास हाईवे पर छोड़ दिया। पुलिस ने उस व्यक्ति से भी संपर्क कर जानकारी जिसने पुलिस को कॉल की थी। उसने बताया था कि पहले छात्रा सही हालत में उसे हाथ देकर रुकने का इशारा कर रही थी। जब कुछ देर बाद मॉर्निंग वॉक करके आए तो बदहवास दिखी। इस पर भी शक गहराया।

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