Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 27 Feb, 2024 10:34 AM
सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। बर्क काफी दिनों से निजी अस्पताल में भर्ती थे। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी। शरीर में यूरिन इंफेक्शन...
मुरादाबाद: सपा सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क का निधन हो गया है। बर्क काफी दिनों से निजी अस्पताल में भर्ती थे। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी। शरीर में यूरिन इंफेक्शन और क्रिएटिनिन बढ़ने के चलते सांसद की तबीयत बिगड़ी थी। सपा सांसद के विधायक पोते जियाउर्ररहमान बर्क लगातार उनके साथ मौजूद थे।
संभल से समाजवादी पार्टी के 93 वर्षीय सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद मुरादाबाद के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी स्थिति में सुधार हो रहा था। अचानक मंगलवार को उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्होंने अंतिम सांस ली। मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा से सपा विधायक जियाउर्ररहमान बर्क ने बताया कि सांसद की तबीयत क्रिएटिनिन बढ़ने से खराब थी। इस कारण इंफेक्शन बढ़ा था। अक्टूबर 2023 में भी सपा सांसद की तबीयत इसी वजह से खराब हो गई थी। उस समय भी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी तबीयत ठीक होने के बाद अस्पताल से रिलीज किया गया। इस बार वे अस्पताल से लौट नहीं पाए।
चार बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके डा. शफीकुर्रहमान बर्क 2019 में पांचवीं बार सांसद चुने गए। उम्र और अनुभव में वह मंडल के सबसे वरिष्ठ राजनेता रहे। अपने सियासी तेवरों के कारण उनकी अलग पहचान रही है। वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रह चुके थे। मुस्लिमों के मुद्दों को उठाने और वंदेमातरम पर अपने बयानों को लेकर सियासत में चर्चित रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर सपा की सियासत में बड़ा चेहरा बनकर उभरे। उनका सियासी सफर 60 वर्ष से ज्यादा का था।
वह 1967 में संभल विधानसभा क्षेत्र से पहला विधानसभा चुनाव लड़े थे पर कामयाब नहीं हो सके थे। उन्हें राज्य विधानसभा के चुनाव में पहली कामयाबी 1974 में मिली थी। बीकेडी से विधायक चुने गए। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी और 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल से विधायक बने। एक बार मुलायम सिंह यादव की सरकार में होमगार्ड विभाग के मंत्री भी रहे। संसद में उन्होंने 1996 में कदम रखा। जनता दल के टिकट पर वर्ष 1996 के चुनाव में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 1998 और 2004 में मुरादाबाद संसदीय सीट से सपा के सांसद चुने गए।
जबकि 2009 में संभल लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और चौथी बार सांसद चुने गए। वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने सपा से लड़ा था पर मामूली अंतर से हार गए थे। वर्ष 2019 में सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन से चुनाव जीते और पांचवीं बार सांसद चुने गए।