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'अनिरुद्ध कुमार पांडे नहीं हूं....वृंदावन से जुड़ी है मेरी पहचान, कानपुर अब धोखा', जानें संत प्रेमानंद को क्यों कहने पड़े ये शब्द

Edited By Purnima Singh,Updated: 22 Feb, 2025 06:10 PM

saint premanand had to say these words because of this

वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज में अपने भक्तों से मिलते हैं। वह यहां कई बार अपने भक्तों की जिज्ञासाओं का समाधान भी करते हैं। शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। संत प्रेमानंद महाराज के एक भक्त ने उनसे पूछा कि क्या...

वृंदावन : वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज में अपने भक्तों से मिलते हैं। वह यहां कई बार अपने भक्तों की जिज्ञासाओं का समाधान भी करते हैं। शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। संत प्रेमानंद महाराज के एक भक्त ने उनसे पूछा कि क्या वे मूल रूप से कानपुर के रहने वाले हैं। अपने भक्त के इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब उनकी पहचान पूरी तरह से वृंदावन से जुड़ी हुई है।

संत प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा, 'अगर हम यह कहें कि अब भी हमारा मूल कानपुर वाला है, तो यह अपने आप से धोखा होगा। अनिरुद्ध कुमार पांडेय कानपुर का था, लेकिन प्रेमानंद गोविंदशरण वृंदावन का है और रहेगा।' वृंदावन के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अब उनकी पूरी निष्ठा और जीवन वृंदावन को समर्पित है। कानपुर में जो पहचान थी, वह अब उनके अतीत का हिस्सा बन चुकी है।

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