Edited By Mamta Yadav,Updated: 07 Jun, 2025 11:53 PM

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे अब आधे-अधूरे सबूतों के आधार पर कोई भी शादी रजिस्टर नहीं हो पाएगी। जोड़ों को अब शादी के पुख्ता सबूत पेश करने होंगे, तभी उन्हें विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विवाह पंजीकरण प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे अब आधे-अधूरे सबूतों के आधार पर कोई भी शादी रजिस्टर नहीं हो पाएगी। जोड़ों को अब शादी के पुख्ता सबूत पेश करने होंगे, तभी उन्हें विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र मिलेगा। इस कदम का मकसद फर्जी शादियों और उनसे जुड़े धोखाधड़ी पर रोक लगाना है।

पंडित-पुरोहित की गवाही और परिवार के सदस्य की उपस्थिति अनिवार्य
नए रजिस्ट्रेशन नियमों के अनुसार अब शादी कराने वाले पंडित, मौलवी या पादरी की गवाही अनिवार्य होगी। इसका मतलब है कि जिसने विवाह संपन्न कराया है, उसे पंजीकरण के समय अपनी पहचान और गवाही देनी होगी। इसके अलावा पंजीकरण की जगह में भी बदलाव किया गया है। अब शादी का रजिस्ट्रेशन शादी के स्थान के आधार पर नहीं, बल्कि उस तहसील के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में होगा, जहां वर-वधू या उनके माता-पिता निवास करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलावों में से एक यह है कि रजिस्ट्रेशन के दौरान परिवार के कम से कम एक सदस्य को भी वहां मौजूद रहना होगा और अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। यह नियम फर्जी पंजीकरण को रोकने में मदद करेगा, क्योंकि परिवार की सहमति और जानकारी के बिना रजिस्ट्रेशन संभव नहीं होगा।

परिवार का सदस्य न होने पर पंडित/मौलवी की उपस्थिति जरूरी
नए नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी कारणवश रजिस्ट्रेशन के दौरान जोड़े के परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में शादी कराने वाले पंडित या मौलवी को गवाही के लिए उपस्थित रहना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि शादी वैध तरीके से हुई है और इसे प्रमाणित करने वाला कोई अधिकृत व्यक्ति मौजूद है।

शादी का वीडियो जमा करना होगा अनिवार्य
धोखाधड़ी रोकने के लिए एक और अहम बदलाव किया गया है। अब रजिस्ट्रेशन के दौरान शादी का एक वीडियो भी दिखाना होगा। इस वीडियो की एक पेन ड्राइव सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा करनी होगी। यह वीडियो शादी के प्रमाण के रूप में काम करेगा और भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में एक महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकता है। ये नए नियम उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाएंगे।

भागे जोड़ों की बढ़ सकती है मुश्किलें
नए नियम के आने से भाग कर शादी करने वाले जोड़ों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में आईजी निबंधन ने विवाह पंजीकरण को लेकर नए अंतरिम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में शादी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी की जाती है। यह प्रक्रिया हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 या विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत की जाती है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से शादी का रजिस्ट्रेशन किया जाता है।