Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Jun, 2024 10:26 AM
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मंगलवार को होने वाली मतगणना के लिए उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं और वोटों की गिनती के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एक...
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए सात चरणों में मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मंगलवार को होने वाली मतगणना के लिए उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं और वोटों की गिनती के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा के अनुसार, मंगलवार को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। उत्तर प्रदेश में कुल 851 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 771 पुरुष और 80 महिलाएं हैं। इनमें सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार घोसी लोकसभा क्षेत्र में और सबसे कम चार उम्मीदवार कैसरगंज में हैं।
राज्य के 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं: नवदीप रिनवा
मिली जानकारी के मुताबिक, रिनवा ने बताया कि राज्य के 75 जिलों में 81 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य का कुल मतदान प्रतिशत 56.92 प्रतिशत रहा, जो 2019 के 59.11 प्रतिशत के आंकड़े से 2.19 प्रतिशत कम है। चुनावी नतीजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक भविष्य का निर्धारण करेंगे, जो प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से ‘हैट्रिक' बनाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, स्मृति ईरानी, अनुप्रिया पटेल और अन्य नेताओं के भाग्य का फैसला भी चार जून को मतगणना के दौरान होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी भी प्रदेश की रायबरेली सीट से उम्मीदवार हैं। वह निवर्तमान लोकसभा में केरल के वायनाड से सांसद हैं और इस चुनाव में उन्होंने वायनाड और रायबरेली दोनों जगह से किस्मत आजमाई है।
अखिलेश यादव के परिवार के 5 सदस्य भी मैदान में, जिनकी किस्मत का फैसला EVM खुलने के बाद होगा
लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के परिवार के पांच सदस्य भी मैदान में हैं जिनकी किस्मत का फैसला कल ईवीएम खुलने के बाद होगा। इनमें स्वयं अखिलेश यादव (कन्नौज से), उनकी पत्नी और मौजूदा सांसद डिंपल यादव (मैनपुरी से), धर्मेंद्र यादव (आजमगढ़ से), अक्षय यादव (फिरोजाबाद से) और आदित्य यादव (बदायूं से) हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में सफलता हासिल की थी। हालांकि, इस बार राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। बसपा ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय में प्रभाव रखने वाली रालोद इस बार भाजपा के साथ खड़ी है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस बार गठबंधन में हैं, जिसमें कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है। भाजपा ने अपने मौजूदा सहयोगियों -- अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के साथ-साथ नए सहयोगियों -- राष्ट्रीय लोक दल और ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली एसबीएसपी (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा है।
भाजपा ने राज्य की 80 लोकसभा सीट में से 75 पर चुनाव लड़ा: भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि भाजपा ने राज्य की 80 लोकसभा सीट में से 75 पर चुनाव लड़ा, जबकि गठबंधन सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीट, सुभासपा ने घोसी और रालोद ने बिजनौर और बागपत से चुनाव लड़ा। ‘इंडिया' गठबंधन में समाजवादी पार्टी ने राज्य की 62 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने 17 संसदीय क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे। तृणमूल कांग्रेस का एक उम्मीदवार भी ‘इंडिया' गठबंधन द्वारा मैदान में उतारा गया था। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने इस लोकसभा चुनाव में अकेले ही किस्मत आजमाई और राज्य की सभी 80 लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे। सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न संसदीय क्षेत्रों में चुनावी रैलियां और रोड शो किए। इसी तरह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी राज्य में ‘इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया और रोड शो किए।
अखिलेश और डिंपल यादव ने भी विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए किया प्रचार
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रायबरेली में एक चुनावी सभा को संबोधित किया। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 62 सीटें जीती थीं और उसकी सहयोगी अपना दल (एस) ने दो सीट जीतीं। कांग्रेस ने एकमात्र रायबरेली सीट पर जीत हासिल की थी जहां से सोनिया गांधी निर्वाचित हुईं। पिछले लोकसभा चुनाव में तत्कालीन विपक्षी गठबंधन में सबसे ज्यादा लाभ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 10 सीट पर मिला। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने पांच सीट जीतीं थीं और राष्ट्रीय लोकदल चुनाव अपना खाता भी नहीं खोल पायी थी।