प्रयागराज: बुद्ध पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई अस्था की डुबकी, किया दान-पुण्य

Edited By Ramkesh,Updated: 23 May, 2024 12:51 PM

prayagraj on buddha purnima devotees took a dip of faith in ganga

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार को श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य की कामना क़ी। पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान और दान पुण्य के लिए विशेष महत्व बताया गया है। बुद्ध पूर्णिमा पर्व हिंदू और बौद्ध दोनों ही...

प्रयागराज: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि पर गुरुवार को श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य की कामना क़ी। पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान और दान पुण्य के लिए विशेष महत्व बताया गया है। बुद्ध पूर्णिमा पर्व हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के लोग मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु के नौवें अवतार का जन्म हुआ था। हिन्दू धर्म के लोग गंगा में स्नान करके मंदिर में पूर्जा अर्चना करते हैं तो वहीं बौद्ध धर्म के लोग मठ में पूर्जा अर्चना करते हैं।

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वहीं बुद्ध पूर्णिमा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों को पावन 'बुद्ध पूर्णिमा' की हार्दिक बधाई एवं शुभकामना दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भगवान बुद्ध ने संपूर्ण सृष्टि को धर्म, करुणा, अहिंसा और शांति का मार्ग दिखाया। उनका विराट तपस्वी जीवन 'स्व' को जागृत करने और दूसरों की सेवा में स्वयं को समर्पित कर देने की प्रेरणा देता है।  महात्मा बुद्ध के बताए मार्ग पर चलकर विश्व में शांति और सद्भाव का वातावरण सृजित किया जा सकता है।  

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आप को बता दें कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सिर्फ भगवान बुद्ध का जन्‍म ही नहीं हुआ था, कहा जाता है कि उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति भी इसी दिन हुई, इतना ही नहीं, वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लगभग एक माह तक मेला लगता है। यहां पर देश विदेश में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायी आते हैं।

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वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर नागरिकों को शुभकामनाएं दीं और सभी से सामाजिक सद्भाव को मजबूत करने तथा भगवान बुद्ध के आदर्शों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कहा कि करुणावतार भगवान बुद्ध ने मानवता और सभी जीवित प्राणियों के लिए सत्य, अहिंसा, सद्भाव एवं प्रेम का संदेश दिया है। मुर्मू ने कहा, "भगवान बुद्ध ने कहा था, 'अप्प दीपो भव' अर्थात स्वयं प्रकाशवान बनें। उनकी सहिष्णुता, आत्म-जागरूकता और अच्छे आचरण की शिक्षाएं हमें मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका अष्टांगिक मार्ग सार्थक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त करता है।"

 राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, मुर्मू ने कहा, ‘‘आइए हम भगवान बुद्ध के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाकर सामाजिक समरसता को मजबूत करें और राष्ट्र निर्माण का संकल्प लें।'' बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध के जन्मदिन का प्रतीक है, जिनका जन्म नेपाल के लुंबिनी में हुआ था और उन्हें भारत के कुशीनगर में मोक्ष प्राप्त हुआ था। राष्ट्रपति मुर्मू ने बयान में कहा, "बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, मैं देश के सभी नागरिकों और दुनिया भर में फैले भगवान बुद्ध के अनुयायियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं।

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