प्रयागराज में UPPSC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे 12 लोगों पर FIR, अराजकता फैलाने का आरोप

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Nov, 2024 01:41 PM

fi against 12 people protesting outside uppsc office in prayagraj

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ‘पीसीएस-प्री' और ‘आरओ-एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगतातार तीसरे दिन भी अपनी मांग को लेकर डटे हुए है, लेकिन प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए UPPSC...

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ‘पीसीएस-प्री' और ‘आरओ-एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों का प्रदर्शन लगतातार तीसरे दिन भी अपनी मांग को लेकर डटे हुए है, लेकिन प्रशासन ने सख्त रूख अपनाते हुए UPPSC ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे 12 लोगों पर  तोड़फोड़ और अराजकता फैलाने के आरोप में FIR दर्ज कर लिया है जबकि 10 लोगों हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि छात्र कोचिंगों को जबरन बंद करा रहे थे। इस वजह से इन पर कार्रवाई की गई है।

आप को बता दें कि आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत और आयोग के सचिव अशोक कुमार दो बार आयोग के गेट से बाहर आए और उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र ‘‘एक दिन, एक परीक्षा'' की अपनी मांग पर अड़े हैं। उन्होंने कहा का कहना है कि आयोग को आखिर छात्रों की मांग मानने में क्या परेशानी है। छात्र लगातार संघर्ष कर रहे हैं और आयोग अपने रुख पर अड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर संघ लोक सेवा आयोग एक ही दिन में परीक्षा करा सकता है तो इस आयोग को क्यों दिक्कत आ रही है।

उप्र लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने  बताया, ‘‘आयोग का दिशा निर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो। इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए।” उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाया तो अब ये छात्र विरोध कर रहे हैं। पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जनपदों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही केंद्र मिल पा रहे हैं। ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है।”

आयोग ने सोमवार की रात एक बयान जारी कर कहा था, “परीक्षाओं की शुचिता और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है। पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिसे खत्म करने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है।

 लोक सेवा आयोग के गेट के सामने धरने पर बैठे छात्रों के हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां थीं जिसमें किसी में लिखा था “बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे”, तो किसी में लिखा था, “एक दिन, एक परीक्षा”। आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई।
 

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