Prayagraj News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नेपाली नागरिक को दी जमानत, कहा- 'सेना की दीवार पर 'देखते ही गोली मार दी जाएगी' लिखना अनुचित'

Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Jun, 2024 08:39 AM

prayagraj news it is inappropriate to write shoot at sight on army walls

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा कि अतिक्रमण करने वालों से सुरक्षा के उद्देश्य से सेना के परिसर की दीवारों पर यह लिखना कि 'देखते ही गोली मार दी जाएगी', उचित भाषा नहीं है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने एतवीर लिंबू नाम के एक...

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में कहा कि अतिक्रमण करने वालों से सुरक्षा के उद्देश्य से सेना के परिसर की दीवारों पर यह लिखना कि 'देखते ही गोली मार दी जाएगी', उचित भाषा नहीं है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने एतवीर लिंबू नाम के एक नेपाली नागरिक को जमानत देते हुए यह टिप्पणी की। लिंबू को इस साल फरवरी में नशे की हालत में यहां वायुसेना स्टेशन में अवैध रूप से घुसते हुए पकड़ लिया गया था। अदालत ने 31 मई, 2024 को दिए अपने आदेश में कहा कि इस तरह के शब्दों का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए केंद्र सरकार को इस तरह के शब्द लिखने में सावधानी बरतनी चाहिए। अदालत ने कहा कि अतिक्रमण करने वालों को देखते हुए गोली मार दी जाएगी की जगह हल्के शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए।

जानिए, क्या है पूरा मामला?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उसका मुवक्किल निर्दोष है और दुर्भावना के साथ उसे झूठा फंसाया गया है। वह नेपाल का नागरिक है और उसका स्थायी पता पंचरुखी, जिला इटहरी, नेपाल है। वह अपने पड़ोसी सूरज मांझी के बुलाने पर नौकरी के लिए भारत आया था। उन्होंने कहा कि फरवरी में वह नैनी स्टेशन के पास रुका था और अनजाने में वह मनौरी वायुसेना स्टेशन पहुंच गया। चूंकि वह नशे की हालत में था, वह वायुसेना स्टेशन में प्रवेश कर गया जहां हिंदी का ज्ञान नहीं होने की वजह से वह स्टेशन में तैनात सैनिकों को स्पष्ट रूप से कुछ बता नहीं सका और नशे की हालत में पहचान पत्र कहीं गुम होने की वजह से वह अपना पहचान पत्र नहीं दिखा सका।

सेना की दीवार पर 'देखते ही गोली मार दी जाएगी' लिखना अनुचित: इलाहाबाद हाईकोर्ट
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि मनौरी वायुसेना स्टेशन में घुसने का उसका कोई गलत इरादा नहीं था और उसके कब्जे से कोई भी आपत्तिजनक वस्तु भी बरामद नहीं हुई। उन्होंने कहा कि लेकिन जांच अधिकारी ने इन पहलुओं पर विचार किए बगैर उसके खिलाफ सामान्य ढंग से आरोप पत्र दाखिल कर दिया। अदालत ने कहा कि यह सही है कि राहगीरों को सेना के परिसरों में प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन मेरे विचार से दीवार पर जिस भाषा का उपयोग किया गया है, वह उचित नहीं है विशेषकर तब जब सेना के प्रतिष्ठान सार्वजनिक जगहों पर स्थित हों जहां आम लोग विशेष रूप से बच्चे आते जाते रहते हैं। इस तरह के शब्दों का बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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