Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Mar, 2025 11:51 AM

मिर्जापुर: विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल नवरात्रि मेले की शुरूआत आज से हो गई है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां विंध्यवासिनी मंदिर में मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी है। भोर से ही भक्तों ने मंदिर आना शुरू कर दिया था...
मिर्जापुर (बृज लाल मौर्या): विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल नवरात्रि मेले की शुरूआत आज से हो गई है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां विंध्यवासिनी मंदिर में मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी है। भोर से ही भक्तों ने मंदिर आना शुरू कर दिया था। हाथों में नारियल, चुनरी, प्रसाद लेकर भक्त लाइन में लगे हुए है। मंगला आरती के बाद से भक्तों को मां विंध्यवासिनी के दर्शन मिलने लगे। पूरा दरबार मां के जयकारों से गूंज रहा है।
दर्शनों के लिए कतार में लगे मां के भक्त
नवरात्रि में नौ देवियों की विभिन्न स्वरूपों में आराधना की जाती है। देश भर के शक्तिपीठों पर चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही भक्तों का ताता लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में स्थित विश्व प्रसिद्ध विंध्याचल धाम में विराजमान मां विंध्यवासिनी देवी की मंदिर पर भी मंगला आरती के बाद से ही श्रद्धालु लंबी-लंबी लाइनों में लगकर दर्शन पूजन कर रहे हैं। यहां पर पहले दिन श्रद्धालु मां शैलपुत्री स्वरूप का एक झलक पाकर निहाल हो रहे हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से आता है मां उसकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं।

मां के दर्शन से होती है मनोकामनाएं पूरी
काशी प्रयागराज के मध्य स्थित मां विंध्यवासिनी धाम का अपना एक अलग ही महत्व है। माता सती के शरीर का जहां-जहां अंग गिरा है उसे शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है तो वहीं मान्यता है की मां विंध्यवासिनी देवी यहां निवास करती हैं, इसलिए इन्हें सिद्ध पीठ के नाम से जाना जाता है। मां विंध्यवासिनी देवी के साथ ही मां काली, मां अष्टभुजा विराजमान है। मां विंध्यवासिनी देवी को इच्छा की देवी, मां काली को क्रिया की देवी और मां अष्टभुजा को ज्ञान की देवी के रूप में जाना जाता है। नवरात्र में आने वाले भक्त तीनों देवियों का दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं।
'मां विंध्यवासिनी देवी के धाम में तीन देवियां विराजमान है'
धर्माचार्य मिट्ठू मिश्रा बताते हैं मां विंध्यवासिनी देवी के धाम में तीन देवियां विराजमान है। इच्छा की देवी मां विंध्यवासिनी क्रिया की देवी मां काली और ज्ञान की देवी मां अष्टभुजा का दर्शन करने से सभी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। साथ ही बताया यह नवरात्र विशेष योग लेकर आया है यह नवरात्र रवि योग के साथ प्रारंभ हो रहा है, रविवार से नवरात्र शुरू होने से इस वर्ष राजा सूर्य है मंत्री भी सूर्य है इसलिए इस वर्ष तापमान में अधिक वृद्धि होगी और अधिक गर्मी पड़ने के संकेत है एक शुभ संकेत भी है भगवती के आगमन को लेकर अगर नवरात्र रविवार सोमवार से प्रारंभ होता है भगवती हाथी की सवारी पर आती है ऐसे में वर्ष भी अच्छी होती है तापमान में वृद्धि की संकेत मिल रहे हैं तो समय-समय पर वर्षा की भी संकेत मिल रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
विंध्याचल नवरात्रि मेले की सुरक्षा व्यवस्था एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस )के हवाले की गई है। नौ दिन चलने वाले मेले के लिए सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। पूरा मेला सीसी कैमरे के जद में होगा। ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी। मेला सुरक्षा में अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ तीन हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। होमगार्ड, पीआरडी, यातायात पुलिस एवं फायर ब्रिगेड जवानों को भी लगाया गया है। आधुनिक उपकरणों से युक्त बम डिस्पोजल दस्ता एवं जल पुलिस के जवान मुस्तैद रहेगे।