Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 Aug, 2023 09:55 PM
लोकसभा चुनाव में अब ज्याद दिन नहीं बचा है... साल भर से भी कम समय अब लोकसभा चुनाव होने में बाकी रह गए है... ऐसे में सभी पार्टियां अब अपने- अपने स्तर पर तैयारियां कर रही है... ऐसे में सबसे ज्यादा दिलचस्प यूपी का चुनाव हो गया है... तमाम राजनीतिक...
Lucknow News: लोकसभा चुनाव में अब ज्याद दिन नहीं बचा है... साल भर से भी कम समय अब लोकसभा चुनाव होने में बाकी रह गए है... ऐसे में सभी पार्टियां अब अपने- अपने स्तर पर तैयारियां कर रही है... ऐसे में सबसे ज्यादा दिलचस्प यूपी का चुनाव हो गया है... तमाम राजनीतिक पार्टियां बस यूपी को फतह करना चाहती है... यही वजह है कि अब यूपी की राजनीतिक पार्टियां भी अपने- अपने वोटरों को मजबूत करने में जुट गई है... इसी कड़ी में लोकसभा चुनाव को बहुजन समाज पार्टी की बैठक में मायावती ने संगठन को मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं... इसके साथ ही आम चुनाव को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की गई... मायावती ने संगठन को कैडर और छोटी-छोटी बैठकों के आधार पर गांव-गांव में मजबूत बनाने और अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए, सर्वसमाज में जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों, प्रभारियों और अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ मिलकर पुरानी कमियों को दूर करने को कहा गया है...
इतना ही नहीं इस बैठक में ये भी साफ हो गया कि मायावती INDIA या फिर NDA किस तरफ जाएगी... या फिर अकेले चुनाव लड़ेगी.... इस मीटिंग के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने आम चुनाव में गठबंधन को लेकर भी अपना पक्ष एकदम साफ कर दिया है... मायावती ने कहा कि पार्टी को अपने उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरतनी होगी... लोकसभा चुनाव में पार्टी सभी सीटों पर अपने दम पर अकेले चुनाव में उतरेगी... बसपा प्रमुख ने कहा कि "गठबंधन की वजह से लाभ की बजाय पार्टी को नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है.... बसपा का वोट तो स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाती है, लेकिन दूसरी पार्टियां अपना वोट बसपा उम्मीदवारों को ट्रांसफर कराने की न सही नीयत रखती हैं और न ही क्षमता... जिससे बसपा के लोगों का मनोबल प्रभावित होता है.... इसलिए बसपा सत्ता या विपक्ष दोनों गठबंधनों से दूर रहती है... इससे अब साफ हो गया है कि मायावती अकेले चुनाव लड़ेंगी और अब न तो वो INDIA का हिस्सा है और न ही NDA का मायावती ने इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर जमकर निशाना साधा...
उन्होंने कहा कि बीजेपी की संकीर्ण जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति, द्वेषपूर्व और अराजकता को प्रश्रय देने की वजह से सभी लोगों का जीवन त्रस्त और दुखी है.... बीजेपी अब अपना प्रभाव ही नहीं बल्कि अपना जनाधार भी खो रही है... जिसकी वजह से इस बार लोकसभा चुनाव एकरफा नहीं रह गया है... उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव देश की राजनीति को नई करवट देने वाला साबित होगा.... वहीं कांग्रेस की तरह भाजपा की कथनी व करनी में जमीन आसमान का अंतर है.... इनके राज में आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो गया है... कुछ मुट्ठीभर लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोगों का खासकर बहुजन परिवारों के सामने पालन पोषण की कठिनाई हो रही है... इन सबका प्रभाव आगामी लोकसभा चुनाव पर पड़ेगा...
बता दें कि बसपा ने चुनाव को देखते हुए संगठन में कुछ फेरबदल किए हैं... जिसे लेकर मायावती ने कहा है कि यूपी जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्व राज्य होने के कारण यहां के राजनीतिक हालात अक्सर बदलते रहते हैं... इसलिए कुछ फेरबदल की जरूरत पड़ती रहती है... जिसे जो भी जिम्मेदारी दी जाती उसे कम न आंका जाए... बल्कि पार्टी हित में सर्वोपरि मानकर ईमानदारी से जिम्मदारी को निभाते रहें.... बता दें कि विपक्ष के गठबंधन में मायावती को नहीं बुलाया गया था... जिसके बाद चर्चा थी की कांग्रेस- बसपा के साथ गठबंधन कर सकती है.. लेकिन कल हुए मायावती की मीटिंग के बाद साफ हो गया है कि मायवती अकेले इस बार चुनावी मैदान में दम भरती हुई दिखेगी..... लेकिन देखना होगा की इससे मायावती को कितना फायदा होगा...