Edited By Imran,Updated: 14 Mar, 2024 12:23 PM
आगामी लोक सभा चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती की रणनीति साफ दिखाई दे रही है। उनके राजनीति चहल कदमी से लगता है कि वह लोक सभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
लखनऊ: आगामी लोक सभा चुनाव में बसपा प्रमुख मायावती की रणनीति साफ दिखाई दे रही है। उनके राजनीति चहल कदमी से लगता है कि वह लोक सभा के चुनाव में इंडिया गठबंधन को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। दरअसल, बसपा ने अभी तक 7 प्रत्याशियों का नाम ऐलान किया है, जिसमें 5 मुस्लिम चेहरे हैं। हैरानी की बात यह है कि बसपा अपने किसी भी मौजूदा सांसद को टिकट देने के मूड में नहीं दिख रही है।
आपको बता दें कि अमरोहा के सांसद दानिश अली की जगह डॉ. मुजाहिद हुसैन को प्रत्याशी बनाया गया है। सहारनपुर के बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान को कांग्रेस टिकट दे सकती है, लिहाजा बसपा ने माजिद अली को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। वहीं, पश्चिमी यूपी की मुजफ्फरनगर सीट पर दारा सिंह प्रजापति को बसपा ने प्रत्याशी घोषित किया है। इसी तरह मुरादाबाद में इरफान सैफी को, तो पीलीभीत में अनीस अहमद खां को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
फिलहाल पार्टी के साथ अपनी आस्था जताने वाले बिजनौर से सांसद मलूक नागर की जगह विजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। उनका मुकाबला रालोद के चंदन चौहान से होगा। यानी यहां जाट और गुर्जर मैदान में हैं, कांग्रेस-सपा का प्रत्याशी घोषित होना बाकी है। कन्नौज सीट पर अकील अहमद पट्टा को प्रत्याशी बनाया गया है। इस सीट पर भाजपा के सुब्रत पाठक मैदान में हैं, जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी यहां से चुनाव लड़ने की चर्चा है।