Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Mar, 2024 08:56 AM
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होने की संभावनाओं के बीच राजनीतिक दलों में सरगर्मी तेज है। इस बीच नेताओं का पाला बदलने का भी सिलसिला हैं। वहीं, लोस चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के चुनाव होने जा रहे है।
लखनऊ: लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जल्द जारी होने की संभावनाओं के बीच राजनीतिक दलों में सरगर्मी तेज है। इस बीच नेताओं का पाला बदलने का भी सिलसिला हैं। वहीं, लोस चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के चुनाव होने जा रहे है। 13 सीटों के लिए होने जान रहे चुनाव के लिए 21 मार्च को वोट डाले जाएंगे।
सपा को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर
राज्यसभा चुनाव की तरह एमएलसी चुनाव में भी क्रॉस वोटिंग का डर सताने लगा है। खासकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव अंतरात्मा की आवाज पर वोटिंग करने वाले सपा विधायकों से निपटने के लिए ठोस रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। दरअसल, राज्यसभा चुनाव में सपा के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके अखिलेश को झटका दिया था।
21 मार्च को होने जा रहे मतदान
विधानपरिषद की 13 सीटें रिक्त के लिए 21 मार्च को होने जा रहे मतदान से पहले 4 मार्च से शुरु हुई नामांकन प्रक्रिया 11 मार्च तक चलेगी। इस चुनाव में भी सत्तासीन दल भाजपा और सपा आमने-सामने है। संख्या बलों के आधार पर इस चुनाव में भाजपा 10 और सपा तीन सीट आसानी से जीत सकती है। लेकिन अगर राज्यसभा की तर्ज पर भाजपा 11वां उम्मीदवार ऐन वक्त पर उतार देती है तो मुकाबला कांटे का हो सकता है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग की आशंका भी स्वाभाविक है।
समाजवादी पार्टी ने अंदरखाने तैयारी पूरी कर ली
चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अंदरखाने तैयारी पूरी कर ली है। पाला बदलने की संभावना के मद्देनजर ऐसे विधायकों पर पूरी नजर रखी जा रही है जो चुनाव के समय पार्टी से धोखा कर सकते हैं। अखिलेश यादव ने विधायकों का मन टटोलना शुरु कर दिया है। उन्हें परी उम्मीद है कि पार्टी को तीन सीटें आसानी से मिल जाएंगी।