Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 01 May, 2024 01:36 PM
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होना है। ऐसे में सभी पार्टियों के नेता चुनाव में जीत निश्चित करने के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में अफजाल अंसारी भी बढ़ चढ़ कर...
गाजीपुर: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होना है। ऐसे में सभी पार्टियों के नेता चुनाव में जीत निश्चित करने के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में अफजाल अंसारी भी बढ़ चढ़ कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं। उनका एक जनसभा का वीडियो वायरल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें उन्होंने मुख्तार अंसारी को भगत सिंग, राजगुरु और सुखदेव की तरह कुर्बानी देने वाला बता डाला।
आज की हुकूमत हमें गुलाम बनाने की कोशिश कर रही- अफजाल
अफजाल ने कहा कि जिस तरह भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और अशफाक देश की आजादी के लिए शहीद हुए। उसी तरह हमारे भाई मुख्तार भी शहीद हुए हैं। उन क्रांतिकारियों (भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और अशफाक) की शहादत का ही नतीजा है कि आज हमारा देश अंग्रेजों की हुकूमत से आजाद है। अगर वो ये बात सोचते ही हम क्यों देश के लिए शहीद हों, तो शायद हमारा भारत कभी आजाद न होता। इसी तरह आज की हुकूमत हमें गुलाम बनाने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए हमें लड़ना होगा। अफजाल ने कहा कि समाज को इस जालिम हुकूमत से बचाने के लिए मुख्तार ने शहादत दी।
'हमारा पूरा खानदान मुख्तार की तरह शहादत देने को तैयार है'
उन्होंने कहा कि हमारा पूरा खानदान मुख्तार की तरह शहादत देने को तैयार है। बस इस जालिम हुकूमत का पतन होना चाहिए, लेकिन ये तब तक नहीं हो पाएगा जब तक हम इस जालिम हुकूमत के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे। सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, आसपास के प्रदेशों में भी इस गुनाह ने सरकार की पोल खोलकर रख दी है। दरअसल, अफजाल का कहना था कि मुख्तार को बेवजह मारा गया है। यही सरकार का गुनाह है।
मुख्तार के चाहने वालों को प्रशासन रोक नहीं पाया- अफजाल
अफजाल ने आगे कहा कि मुख्तार के जनाजे समय भी जब भीड़ शामिल होने आ रही थी तो पुलिस ने तमाम कोशिशें कीं कि वे आ न सकें। बावजूद इसके भीड़ मुख्तार के लिए आई। मुख्तार को सभी ने रोकर अलविदा किया। प्रशासन ने तो यहां तक कि पूरे जनपद को ही सील कर दिया था। गंगा नदी पर बने चह पुल को भी खोल दिया था। बावजूद इसके मुख्तार के चाहने वालों को प्रशासन रोक नहीं पाया। यही दिखाता है कि मुख्तार को लोग कितना पसंद करते थे।