Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 May, 2024 02:01 PM
लोकसभा चुनाव के दो चरणों के लिए मतदान हो चुका है, वहीं तीसरे चरण के लिए 7 मई को मतदान होना है। ऐसे में देश में ...
लखनऊ: लोकसभा चुनाव के दो चरणों के लिए मतदान हो चुका है, वहीं तीसरे चरण के लिए 7 मई को मतदान होना है। ऐसे में देश में सियासी माहौल गर्म है। सियासी समीकरण में उठा पठक लगातार जारी है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की बेंगलुरू में मुलाकात हुई है। जिसके बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज है।
ऐसी खबर सामने आई है कि गृह मंत्री शाह और राजा भैया के बीच अभी एक राउंड की ओर बातचीत होगी। राजा भैया और उनके प्रभाव वाली सीट पर किस तरह से भाजपा जीत दर्ज सके इस मामले पर दोनों नेताओं के बीच बात हुई है। साथ ही ठाकुरों की नाराजगी का मुद्दा कैसे सुलझाया जाए, इस पर भी दोनों ने चर्चा की है। राजा भैया यूपी के बड़े ठाकुर नेता माने जाते हैं. ऐसे में आने वाले चरणों में भाजपा को ठाकुरों की नाराजगी न झेलनी पड़े, इसलिए पार्टी हर तरह की कोशिश कर रही है। ऐसी चर्चा है कि यूपी में पहले दो चरण के मतदान में ठाकुरों की नाराजगी की वजह से भाजपा को नुकसान हो सकता है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में राजा भैया दो विधायकारें वाली जनसत्ता पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं और उनकी पकड़ राजपूत वोट बैंक के बीच काफी देखी जाती है। पूर्वांचलज से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक राजपूत वोट बैंक के बीच राजा भैया अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसे में अमित शाह और उनकी मुलाकात से इस वोट बैंक को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश करते दिख रहे हैं। इस बार लोकसभा चुनाव में राजा भैया की पार्टी ने प्रतापगढ़ सीट से उम्मीदवार नहीं उतारा है। ऐसे में राजा भैया के साथ दिखकर अमित शाह एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करते दिखेंगे। राज्यसभा चुनाव के दौरान राजा भैया ने भाजपा को समर्थन दिया था। बेंगलुरु की इस मुलाकात के जरिए दोनों पार्टी के संबंध और माधुर होने के आसार दिख रहे हैं।