Edited By Ramkesh,Updated: 14 Mar, 2024 02:24 PM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहने पर राज्य सरकार के प्रति असंतोष जाहिर किया है।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पूरे उत्तर प्रदेश में स्कूलों में बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहने पर राज्य सरकार के प्रति असंतोष जाहिर किया है। न्यायमूर्ति आलोक माथुर औऱ न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह की पीठ ने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों के बीच हुए पत्राचारों के अवलोकन से यह साबित होता है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 14 अगस्त 2017 को जारी किए गए निर्देशों को लागू करने में जमीनी स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया गया और न ही पिछले पांच साल से अधिक समय से कोई कवायद की गई।
उक्त टिप्पणी करते हुए पीठ ने राज्य को उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए राज्य के अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई से अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया। यह पीठ ‘गोमती रीवर बैंक रेसिडेंट्स एसोसिएशन' द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि पांच अप्रैल तय की। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक आदेश पारित कर स्कूलों में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए तीन चरण के ढांचे का निर्माण किया है।
इस योजना में जिला शिक्षा अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी के तौर पर काम करना है। उसके कार्य पर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाले जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को नजर रखनी है। इसके बाद, मुख्य सचिव को आपदा प्रबंधन समिति औऱ जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यों से संतुष्ट होना है।