Edited By Ramkesh,Updated: 16 Feb, 2025 05:59 PM
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि नदियां धरती माता की धमनी हैं जो सूखती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण के कारण ही जलवायु परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा, “हम अपने स्वार्थ के लिए नदियों...
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि नदियां धरती माता की धमनी हैं जो सूखती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण के कारण ही जलवायु परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा, “हम अपने स्वार्थ के लिए नदियों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, धरती माता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जो बंद होना चाहिए। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर हमने एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। इसी तरह प्रधानमंत्री जी ने लकड़ी और कोयले को जलाने से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन निःशुल्क उपलब्ध कराए हैं। महाकुंभ नगर के सेक्टर 25 में आयोजित आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हर व्यक्ति एक दूसरे पर दोषारोपण कर रहा है, लेकिन जलवायु परिवर्तन से बचने के प्रयास में कितना भागीदार बन रहा है, यह महाकुंभ के संदेश का हिस्सा बनना चाहिए।
210 करोड़ वृक्षारोपण यूपी सरकार ने लगाएं
उन्होंने कहा, “आज से 10 साल पहले क्या गंगा और यमुना इतनी अविरल थीं। जब हम वैदिक सूत्रों में ढूंढ़ते हैं तो शांति पाठ में हम चराचर जगत के कल्याण की बात करते हैं। लेकिन व्यावहारिक जीवन में हम स्वयं के कल्याण के मार्ग में बाधा बनकर खड़े हो जाते हैं।” योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में प्रदेश सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया जिसमें से 70-80 प्रतिशत पौधे सुरक्षित हैं। साथ ही डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी। दम तोड़ चुकी नदियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया।
नदियों पर कब्जा करने की प्रवृत्ति छोड़े
उन्होंने कहा, “संगम का दायरा बढ़ाने और संगम में हर समय 10,000 से 11,000 क्यूसेक पानी मौजूद रहे, यह सुनिश्चित किए जाने से मौनी अमावस्या जैसी भीड़ आज हर दिन हो रही है और लोग संगम में स्नान कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने के प्रयासों में भागीदार बनने पर विचार करना चाहिए। क्या हम एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग बंद कर पाएंगे। क्या हम नदियों में अतिक्रमण करना, उस पर कब्जा करने की प्रवृत्ति छोड़ पाएंगे। वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जाग्रत होगी।
जलवायु परिवर्तन के परिणाम स्वरूप आकाशीय बिजली गिरने की घटना बढ़ी
उन्होंने कहा, “जैसे हमारा दैनिक जीवन चक्र है, उसी प्रकार इस धरती माता का भी अपना जीवन चक्र है। जब हम दोनों को एक साथ जोड़कर देखेंगे तभी यह सृष्टि रहेगी, तभी जीव सृष्टि, जंतु सृष्टि रहेगी और हम अनंत काल तक महाकुंभ का आयोजन देख सकेंगे।” मुख्यमंत्री ने जलवायु परिवर्तन के परिणाम स्वरूप आकाशीय बिजली गिरने की घटना का जिक्र करते हुए कहा, “दो वर्ष पहले एक ही दिन में मिर्जापुर से बिहार तक एक घंटे में आकाशीय बिजली गिरने से 90 लोगों की मौत हुई थी।
मनुष्य ही इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं
उन्होंने कहा, “हमारे वेदों, उपनिषदों और शास्त्रों के संदेशों को दैनिक और व्यावहारिक जीवन में उतारने की जरूरत है। जैसे एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के काम में हम सहभागी बनें। मनुष्य ही इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है और अकेले मनुष्य से इस सृष्टि का संचालन भी नहीं हो सकता। सभी जीवों का जीवन चक्र मनुष्य के साथ जुड़ा हुआ है और मनुष्य का जीवन चक्र अन्य जीव जंतुओं से जुड़ा है।” योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जब अन्य जीव जंतुओं का अस्तित्व रहेगा, तभी मनुष्य का अस्तित्व रहेगा। यदि उनके अस्तित्व पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व के ऊपर भी संकट आएगा। हम किसी दूसरे प्रलय की प्रतीक्षा ना करें।
जलवायु परिवर्तन के कारकों पर विचार करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि महाकुंभ का यही संदेश है कि आस्था के साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारकों पर विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय हम सभी को मिलकर करना होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईफॉरेस्ट के अध्यक्ष डॉक्टर चंद्रभूषण ने बताया कि 1950 के दशक में 27 प्राकृतिक आपदाएं आई थीं, लेकिन 2011 से 2020 के बीच करीब 210 आपदाएं जैसे सूखा, बाढ़, चक्रवात आदि की घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा, “1947 में ‘ग्रीन हाउस' उत्सर्जन 1500 करोड़ टन था और आज यह 5400 करोड़ टन है। तकनीकी और आर्थिक तौर पर यह मुद्दा हल नहीं हो सकता, बल्कि सामाजिक और अध्यात्मिक तौर पर इसे हल किया जा सकता है। शोधकर्ता आम लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन आध्यात्मिक गुरुओं की पहुंच आम आदमी तक है।” कार्यक्रम में जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनी जी, जगद्गुरु कृपालु योग ट्रस्ट के स्वामी मुकुंदानंद जी, प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए।