Edited By Pooja Gill,Updated: 08 Jun, 2025 12:30 PM

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायत पर आगरा विजिलेंस एंटी करप्शन निरीक्षक ने तत्कालीन अपर नगर आयुक्त अरविंद कुमार राय के साथ लेखा विभाग के तीन लोगों सहित चार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम...
फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार की शिकायत पर आगरा विजिलेंस एंटी करप्शन निरीक्षक ने तत्कालीन अपर नगर आयुक्त अरविंद कुमार राय के साथ लेखा विभाग के तीन लोगों सहित चार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने की कारवाई से निगम कर्मचारियों में हड़कंप मच हुआ है। अरविन्द कुमार राय वर्तमान में प्रयागराज नगर निगम में तैनात है। अरविंद कुमार राय पर आय से अधिक संपत्ति की जांच के घेरे में आ सकते है। सभी को अगली कार्रवाई के लिए शासन के निर्देश का इंतजार है।
नगर निगम से जुडा हुआ है मामला
भ्रष्टाचार की शिकायत का मामला फिरोजाबाद नगर निगम से जुडा हुआ है। वर्ष 2022 में अपर नगर आयुक्त पद पर तैनात अरविंद कुमार राय जो नगर आयुक्त प्ररेणा शर्मा के अवकाश पर होने के दौरान जब जून 2022 मे कार्यवाहक नगर आयुक्त का कार्यभार देख रहे थे। उसी दौरान उनके द्वारा निगम से संबंधित 19 ठेकेदारों की भुगतान संबंधी पत्रावली लेखा विभाग को संस्तुति कर भुगतान को भेजी गई थी। उसी दौरान शासन ने 28 जून को नए नगर आयुक्त घनशयाम मीणा की तैनाती के आदेश कर दिये गये। घनश्याम मीणा ने 29 जून 2022 को अपना पद भार ग्रहण कर लिया गया। उसी दौरान लेखा अधिकारी ने 29 जून को घनश्याम मीणा की प्रतीक्षा किए बिना अरविंद राय की सहमति पर आनन फानन में 19 ठेकेदारों की भुगतान संबंधी फाइलें निस्तारित कर दी गई।
एडवांस में भी लेली गई कमीशन की राशि
बताया गया है कि अपर नगर आयुक्त अरविंद राय और लेखा विभाग के कर्मचारियों द्वारा ठेकेदारो से करोडों रुपए के भुगतान के लिए कमीशन की राशि एडवांस में भी लेली गई थी। किन्हीं तकनीकी कारणों के चलते ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो सका था। बाद में ठेकेदारों द्वारा अपर नगर आयुक्त के खिलाफ घेरावन्दी कर शिकायत भी की गई थी। यहां तैनाती के दौरान अरविंद कुमार राय भ्रष्टाचार को लेकर काफी चर्चा में रहे थे। बाद में शासन द्वारा उनका स्थानांतरण प्रयागराज नगर निगम में कर दिया गया। जव भ्रष्टाचार का मामला तूल पकड़ा तो विधायक मनीष असीजा द्वारा संबंधित मामले की शिकायत शासन में की गई थी, जिस पर शासन ने संज्ञान लेते हुए मामला विजिलेंस को जांच के लिए दे दिया गया है।