Edited By Purnima Singh,Updated: 25 Jan, 2025 12:10 PM
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एमपी एमएलए कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है। राहुल गांधी द्वारा कोर्ट से बरी तीन लोगों को आरोपी बताया गया था। आपको बता दे 12 दिसंबर को राहुल गांधी चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव...
हाथरस : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एमपी एमएलए कोर्ट में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के विरुद्ध परिवाद दायर किया गया है। राहुल गांधी द्वारा कोर्ट से बरी तीन लोगों को आरोपी बताया गया था। आपको बता दे 12 दिसंबर को राहुल गांधी चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव बूलगढी़ आए थे। इस गांव में सितंबर 2020 में एक युवती से दरिंदगी हुई थी और दिल्ली के अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। यह मामला न्यायालय में चला था और न्यायालय ने इस मामले को गैंग रेप का मामला नहीं माना था। न्यायालय ने इस मामले में तीन आरोपियों को बरी कर दिया था और एक आरोपी संदीप को गैरइरादतन हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
12 दिसंबर को मृत युवती के परिजनों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने एक्स पर परिवार के साथ वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसमें कहा था कि पीड़ित परिवार घर में कैद है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। इसको लेकर बचाव पक्ष की अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने राहुल गांधी को 50- 50 लाख रुपए की मानहानि का नोटिस भेजा था और 15 दिन का समय भी दिया था। 15 दिन की अवधि बीत जाने के बाद भी राहुल गांधी ने जब इस नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया।
अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश निवासी बूलगढी़ थाना चंदपा की ओर से एमपी/एमएलए कोर्ट में परिवाद दायर किया है। न्यायालय ने इस दायर परिवाद में सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तिथि नियत की है। इसमें कहा गया है कि परिवादी का विधिक नोटिस अभियुक्त पर सम्यक रूप से तामील हुआ। परन्तु प्रतिकर राशि की अदायगी तो क्या अभियुक्त ने नोटिस प्राप्ति के वाबजूद भी नोटिस में दी गयी अवधि में उत्तर देना भी उचित एवं आवश्यक नहीं समझा।
अभियुक्त का यह कृत्य भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 356(2) के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। उपरोक्त परिस्थितियों में अभियुक्त को उक्त अपराध हेतु विचारण हेतु तलब किया जाकर बाद विचारण दन्डित किया। जाना एवम 50 लाख रुपया प्रतिकर राशि दिलाया जाना आवश्यक एवं अपेक्षित है। इसलिए प्रार्थना है कि अभियुक्त को परिवादी के लिये अपने सोशल मीडिया एक्स साशय की गई अपमानजनक पोस्ट कर न्यायिक निर्णय की साशय अवमानना एवं अपमानजनक पोस्ट के लिये दन्डित कर प्रतिकर स्वरूप 50 लाख रुपया की राशि दिलाये जाने की कृपा करें।