Edited By Ramkesh,Updated: 08 Jun, 2024 05:17 PM
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की नींद उड़ गई है। पार्टी जहां हार की वजह जानने के लिए मंथन कर रही है तो वहीं योगी सरकार भी बड़े एक्शन में दिखाई दे रही है। दरअसल, 13 जिलों में पुलिस और बदमाशों के बीच करीब 16...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की नींद उड़ गई है। पार्टी जहां हार की वजह जानने के लिए मंथन कर रही है तो वहीं योगी सरकार भी बड़े एक्शन में दिखाई दे रही है। दरअसल, 13 जिलों में पुलिस और बदमाशों के बीच करीब 16 मुठभेड़ हुई। इसमें 2 बदमाश ढेर हो गए जबकि 16 बदमाश घायल हो गए। 5 जून को पुलिस ने जौनपुर में 1 लाख के इनामी बदमाश प्रिंस सिंह को मार गिराया। प्रिंस पर हत्या-लूट और डकैती के 37 मुकदमे दर्ज थे। 6 जून को मुजफ्फरनगर में 2 लाख का इनामी बदमाश निलेश राय पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया। मुठभेड़ में उसके सीने में गोली लगी, और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जल्द वैकेंसी निकालने का आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ युवा वर्ग की मनोस्थिति को भांपते हुए सरकारी पदों में नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जिन भी विभागों में रिक्तियां हैं और नियुक्ति की जानी हैं, वहां से तत्काल अधियाचन चयन आयोगों को भेजा जाए। नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें। नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए। चयन आयोगों से संपर्क बनाएं, त्रुटिपूर्ण अधियाचन न भेजें। चयन प्रक्रिया की समय-सीमा तय करें। इससे पहले आज सुबह अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम में आये युवाओं से योगी ने उनकी समस्याओं को लेकर बातचीत की और त्वरित समाधान कराने का भरोसा दिलाया।
61 पुलिसकर्मी सस्पेंड-लाइन हाजिर
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद लापरवाही और भ्रष्टाचार करने वाले पुलिसकर्मियों पर बड़ा एक्शन लिया गया। आंकड़ों के मुताबिक, 61 पुलिसकर्मी सस्पेंड और लाइन हाजिर किए गए। हापुड़, कानपुर, गाजियाबाद, जालौन, गोरखपुर जिले में कार्रवाई की गई है। कानपुर में रेप, वसूली और घूसखोरी में फंसे 8 दरोगा और 3 सिपाही सस्पेंड। हापुड़ में एक निरीक्षक, 10 दरोगा समेत 33 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। सभी पर ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोप था। गाजियाबाद में कानून व्यवस्था में लापरवाही पर एक थानाध्यक्ष सस्पेंड और 11 सब इंस्पेक्टर लाइन हाजिर हुए।