मुख्यमंत्री ने बांटे घरौनी प्रमाण पत्र, कहा- दबंग नहीं कर पाएंगे गरीबों की जमीन पर कब्जा

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jun, 2022 06:09 PM

chief minister distributed home certificates said dabang will

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य के लगभग 11 लाख परिवारों को स्वामित्व योजना के तहत डिजिटल माध्यम से ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) सौंपी। इस अवसर पर उन्होंने 10 ...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्य के लगभग 11 लाख परिवारों को स्वामित्व योजना के तहत डिजिटल माध्यम से ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) सौंपी। इस अवसर पर उन्होंने 10 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से भी घरौनी वितरित की। घरौनी वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि घरौनी के दस्तावेज तैयार करने के लिए इस साल अगस्त तक प्रदेश के सभी एक लाख दस हजार से अधिक राजस्व गांवों का सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अक्टूबर 2023 तक हर ग्रामीण परिवार को घरौनी मिल जायेगी।

गौरतलब है कि शनिवार को जालौन, प्रदेश का पहला जनपद बन गया है, जहां शत प्रतिशत लोगों की घरौनी तैयार हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी ने स्वामित्व योजना जैसी जनकल्याण का कार्यक्रम शुरु करने के लिये प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह ग्रामीणों को उनकी पुश्तैनी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देने वाला अभियान है। अब तक प्रदेश के 34 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र मिलने का दावा करते हुए योगी ने कहा कि घर का मालिकाना हक मिलने के बाद अब ये लोग कोई व्यवसाय करने के लिए बैंक से लोन भी ले सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जी ने ग्राम स्वराज का सपना देखा था, प्रधानमंत्री मोदी जी ने आत्मनिर्भर ग्राम का कार्य शुरू किया। आज 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र का वितरण संपन्न हुआ है। यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है। संयोग ही है आज इस देश ने आपातकाल के खिलाफ आवाज उठायी थी।'' योगी ने कहा कि 1975 में आज ही के दिन जब चोरी छिपे जबरन इस देश पर आपातकाल थोपा गया था और उसके बाद देखते ही देखते लोकतंत्र को बचाने के लिए आंदोलन खड़ा हुआ था। लोकतंत्र की आज इस द्दष्टि से भी विजय है कि 23 लाख परिवारों को घरौनी वितरण का कार्य संपन्न हो चुका है तथा 11 लाख परिवारों को घरौनी प्रमाण पत्र वितरण के लिए आज हर तहसील मुख्यालय पर आयोजन किया जा रहा है।

योगी ने कहा कि ऐसे लोग वर्षों से अपनी जमीन पर रह रहे थे, लेकिन छोटी छोटी बातों पर अक्सर विवाद होता था। घर गिरने पर अपना मकान बनाने से कहीं दबंग तो कहीं माफिया रोकता था। कहीं लेखपाल रोकता था, वसूली होती थी। आबादी की जमीन से दबंग गरीब को उजाड़ देते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल तकनीक की मदद से तैयार की गयी घरौनी प्रमाण पत्र के बाद इस समस्या पर विराम लग गया है। तकनीकी से आवासीय भूमि की पैमाइश होती है। ड्रोन कैमरे से सर्वे होता है। गांव की खुली बैठक में सहमति और असहमति के कमेंट लिये जाते हैं। सबका समाधान होने के बाद घरौनी तैयार की जाती है। 

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