Edited By Ramkesh,Updated: 29 Jun, 2024 02:33 PM
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक अदालत ने दहेज हत्या के तीन आरोपियों को 12-12 वर्ष कारावास व प्रत्येक को 20 हजार 500 रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक वीरपाल सिंह ने बताया कि कोतवाली बुलन्दशहर देहात क्षेत्र के ग्राम मिर्जापुर निवासी...
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक अदालत ने दहेज हत्या के तीन आरोपियों को 12-12 वर्ष कारावास व प्रत्येक को 20 हजार 500 रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक वीरपाल सिंह ने बताया कि कोतवाली बुलन्दशहर देहात क्षेत्र के ग्राम मिर्जापुर निवासी माजिद और साजिद एवं अल्लाह नूर रईसा ने वर्ष 2019 में दहेज की मांग पूरी न होने पर कोतवाली बुलंदशहर देहात क्षेत्र के ग्राम दोहली निवासी नईम अहमद की भांजी की पेट्रोल डालकर आग लगा कर हत्या कर दी थी।
इस मामले में 15 जून 2019 को थाना कोतवाली देहात पर धारा 498ए/304बी/323 भादवि व 3/4 डीपी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। पुलिस ने 15 जुलाई 2019 को न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया और न्यायालय में सशक्त, प्रभावी पैरवी कर अभियोजन की कार्यवाही सम्पन्न कराई । परिणामस्वरुप आज हरकेश कुमार न्यायालय एफटीसी- 04 ने दोष सिद्ध पाये जाने पर अभियुक्त माजिद, साजिद व रहीशा को 12-12 वर्ष का कारावास व 20,500-20,500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
ये भी पढ़ें:- "दहेज़ हत्या के मामलों की हर एंगल से हो जांच"- HC ने यूपी के DGP को दिया निर्देश
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज हत्या, आत्महत्या या सुसाइड जैसे मामले को लेकर उत्तरप्रदेश के DGP को निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि इन सब मामले में गहनता से जांच होनी चाहिए कि मौत की असली वजह क्या है। कोर्ट ने कहा कि महिला को सुसाइड के लिए उकसाया गया है, या दहेज के लिए हत्या की गई है, हर बन्दु पर गहना से जांच की जाय जिससे साफ हो सके कि विवाहिता की असम मौत क्यों हुई। साथ ही ये भी कि जांच अधिकारियों को दहेज हत्या से संबंधित मामलों में “व्यापक जांच” करने और विवाहित महिला की मृत्यु (उसकी शादी के 7 साल के भीतर) की हर संभव कोण से जांच करने के निर्देश दें।