Edited By Mamta Yadav,Updated: 07 Sep, 2023 12:44 AM
एसडीएम ज्योति मौर्या के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच बंद हो सकती है।पति आलोक मौर्या भ्रष्टाचार के संबंध में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाए।इसके साथ ही अपनी शिकायत वापस लेने के मामले में कमेटी ने यह निर्णय लिया है।इसकी...
Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): एसडीएम ज्योति मौर्या के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच बंद हो सकती है।पति आलोक मौर्या भ्रष्टाचार के संबंध में लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई पुख्ता सबूत नहीं दे पाए।इसके साथ ही अपनी शिकायत वापस लेने के मामले में कमेटी ने यह निर्णय लिया है।इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
ज्योति मौर्या उत्पीड़न का केस वापस ले सकती हैं
एसडीएम ज्योति मौर्या ने धूमनगंज थाने में पति आलोक मौर्य और ससुराल पक्ष के लोगों पर उत्पीड़न का केस दर्ज कराया था। वही अब ज्योति मौर्या उत्पीड़न का केस वापस ले सकती हैं इसकी चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक ज्योति मौर्या और आलोक मौर्या के बीच समझौता हो सकता है। आलोक मौर्या द्वारा ज्योति मौर्या के खिलाफ शासन से की गई भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच के लिए शासन ने कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत को जांच करने का आदेश जारी किया था। कमिश्नर ने अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिन्द के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की थी।
आलोक ने कमेटी से 20 दिन की मांगी थी मोहलत
कमेटी ने आलोक मौर्य से भ्रष्टाचार के संबंध में की गई शिकायत के समर्थन में सबूत प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसके लिए आलोक ने कमेटी से 20 दिन की मोहलत मांगी थी। 20 दिन की मोहलत पूरी होने के बाद कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर आलोक मौर्या ने अपने आरोपों को वापस ले लिया था, जिसके बाद जांच कमेटी ने मामले की जांच को बंद करने की संस्तुति कमिश्नर से की है। इस मामले में कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने बताया कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की है उसे शासन को भेजा जा रहा है।
न्यायालय में लंबित है तलाक का मुकदमा
गौरतलब है कि आलोक मौर्य और ज्योति मौर्य की शादी 2010 में हुई थी। 2009 में आलोक का चयन पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में हुआ था। इसके बाद उन्होंने ज्योति की पढ़ाई करवाई। साल 2015 में ज्योति का चयन एसडीएम पद पर हो गया। लोक सेवा आयोग से महिलाओं में ज्योति की तीसरी रैंक और ऑल ओवर 16वीं रैंक थी। सभी बहुत खुश थे। 2015 में जुड़वां बच्चियां हुईं।
आलोक ने हर माह लाखों रुपये वसूली का लगाया था आरोप
पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति आलोक ने शासन को शिकायती पत्र भेजकर ज्योति पर हर माह 5 से 6 लाख रुपये वसूली का आरोप लगाया था। आलोक ने अपनी शिकायत के समर्थन में डायरी के पन्नों की छाया प्रति भी लगाई थी, जिसमें लेन-देन का पूरा हिसाब लिखा जाता था। शिकायत मिलने के बाद शासन ने कमिश्रर विजय विश्वास पंत को जांच सौंपी थी। कमिश्नर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल और दो अन्य सदस्य शामिल हैं।