21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान; मायावती ने दिया समर्थन, 35 साल बाद सड़क पर उतरेगी BSP

Edited By Pooja Gill,Updated: 20 Aug, 2024 01:39 PM

bharat bandh announced on 21st august

Mayawati News: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है। दलित संगठन भारत बंद कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे और अपनी मांगे रखेंगे। बहुजन समाज पार्टी की...

Mayawati News: अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है। दलित संगठन भारत बंद कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे और अपनी मांगे रखेंगे। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसे अपना समर्थन दे दिया है। बसपा के सभी कार्यकर्ता और नेता देशभर में भारत बंद आंदोलन में शामिल रहेंगे। बसपा करीब 35 साल बाद सड़क पर उतरेगी।

'भारत बंद में बसपा के झंडे नजर आएंगे'
बता दें कि सर्वोच्च अदालत ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को सब-कैटेगरी बनाने का अधिकार राज्यों को दे दिया है। साथ ही एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने का भी जोर दिया है। दलित संगठन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध करेंगे। इसके लिए कल भारत बंद का ऐलान किया गया है। इसमें बसपा अपना समर्थन देगी। बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर और मायावती के सियासी उत्तराधिकारी आकाश आनंद ने ऐलान किया है कि 21 अगस्त के भारत बंद में बसपा के झंडे नजर आएगे। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एससी/एसटी समाज में काफी गुस्सा है।

'पार्टी कार्यकर्ता अनुशासन में रहकर राष्ट्रपति के नाम देंगे ज्ञापन'
आकाश आनंद ने कहा कि अदालत के फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। हमारा समाज शांतिप्रिय समाज है। हम सबका सहयोग करते हैं। सबके सुख-दुख में हमारा समाज शामिल होता है, लेकिन आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है। 21 अगस्त को इसका शांतिपूर्ण तरीके से करारा जवाब देना है। उन्होंने कहा कि बसपा के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी आरक्षण के वर्गीकरण के फैसले का विरोध करेंगे। हमारी मांग है कि एससी-एसटी आरक्षण को संविधान की 9वीं सूची में डाली जाए। बसपा के कार्यकर्ता और नेता देशभर के अलग-अलग स्थानों पर भारत बंद में शिरकत करेंगे और अपनी-अपनी तहसीलों में एसडीएम को ज्ञापन देंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आरक्षण पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। भारत बंद आंदोलन में हम सब साथ हैं और पार्टी के सभी कार्यकर्ता अनुशासन में रहकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे।


 

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