Edited By Umakant yadav,Updated: 16 Sep, 2021 06:28 PM
देश दुनिया को दहशत के साये में जीवन व्यतीत करने पर विवश करने वाली वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान लगाये गये लॉकडाउन के चलते सूर्य की पराबैगनी किरणों से धरती को धधकने से बचाने वाली ओजोन पर्त में सुधार दर्ज किया गया है।विश्व ओजोन दिवस के मौके पर...
जौनपुर: देश दुनिया को दहशत के साये में जीवन व्यतीत करने पर विवश करने वाली वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान लगाये गये लॉकडाउन के चलते सूर्य की पराबैगनी किरणों से धरती को धधकने से बचाने वाली ओजोन पर्त में सुधार दर्ज किया गया है।विश्व ओजोन दिवस के मौके पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान में गुरूवार को भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित वेबीनार में वैज्ञानिको ने यह विचार व्यक्त किये।
‘जीवन के लिए ओजोन' विषय पर आधारित वेबीनार में बताया गया कि ओजोन परत किस तरह से हमारी सुरक्षा करती है एवं इसके न होने से क्या नुकसान हो सकते हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के आचार्य प्रो.अभय कुमार सिंह ने बताया कि कोविड-19 के दौरान लगाये गये लाकडाउन से हवा शुद्ध हुयी और हानिकारक गैसों के उत्सर्जन में गिरावट के कारण ओजोन परत के क्षरण में सुधार दर्ज किया गया।
डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि विश्व ओजोन दिवस मनाने का उद्देश्य है कि आज ही के दिन 16 सितंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र संघ के देशों द्वारा ओजोन परत को नष्ट करने वाले प्रदूषकों की रोकथाम के लियेमॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व ओजोन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनमानस को इस जीवनदायिनी ओजोन परत के प्रति जागरूक करना एवं इसके संरक्षण के लिए प्रयास करना है। वेबीनार में देश के लगभग 10 राज्यों से भारी संख्या में शिक्षकों, शोधार्थियों एवं छात्रों ने हिस्सा लिया।