Edited By Ramkesh,Updated: 12 Jan, 2024 02:36 PM
यहां की एक अदालत ने हत्या के कथित प्रयास के एक मामले में सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने...
Prayagraj News: यहां की एक अदालत ने हत्या के कथित प्रयास के एक मामले में सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल Vice Chancellor Rajendra Bihari Lal की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि यह मामला 31 दिसंबर, 2023 का है जिसमें आरबी लाल के खिलाफ नैनी थाना में भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 504 (उकसाने के लिए इरादतन अपमान करना) और 427 (बदमाशी करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
उन्होंने बताया कि बुधवार को अपर जिला जज आलोक कुमार दूबे की अदालत में आरबी लाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई और अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। अग्रहरि ने बताया कि आलोक कुमार दूबे की अदालत ने बृहस्पतिवार को अपना निर्णय सुनाया जिसमें आरोपी लाल की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। उन्होंने बताया कि लाल के खिलाफ धर्म परिवर्तन समेत 30 आपराधिक मामले हमीरपुर, लखनऊ, फतेहपुर और प्रयागराज में दर्ज हैं। जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता दिवाकर नाथ त्रिपाठी का आरोप है कि 31 दिसंबर की सुबह वह अपने मित्र शरवेन्द्र विक्रम सिंह के साथ टहलने अरैल बांध पर गये थे।
जान से मारने की नीयत से बीजेपी नेता पर चलाई थी गोलियां
त्रिपाठी के मुताबिक टहलकर वापस जाते समय एक फॉर्च्यूनर कार ने उनकी इन्नोवा कार को ओवरटेक कर उन्हें रोकने का प्रयास किया। फार्च्यूनर कार में राजेंद्र बिहारी लाल और दो अन्य लोग बैठे थे। त्रिपाठी का आरोप है कि कार नहीं रोकने पर लाल के साथ वाहन में मौजूद व्यक्तियों ने जान से मारने की नीयत से गोली चला दी जो कार के शीशे को चीरते हुए ऊपर निकल गई। आरबी लाल और उनके साथ मौजूद लोग पहले से ही त्रिपाठी से रंजिश रखते हैं क्योंकि उन्होंने इनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कराए हैं।